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मुंबई, मिल मजदूरों के घरों की समस्या को दूर करने के लिए सरकार उदासीन है कि मिल मजदूरों के लिए तैयार किए गए घर उन्हें नहीं दिए जा रहे हैं। सरकार के इस रवैए के विरोध में मिल मजदूर आंदोलन करेंगे। मिल मजदूरों के लिए रांजनोली में १,२४४ घर आरक्षित हैं। मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण इन घरों की मरम्मत को लेकर उदासीन है, जिसके कारण मिल मजदूरों को घर नहीं मिल रहे हैं। इस बात को लेकर मिल मजदूर इतने क्रोधित है कि एमएमआरडीए के विरोध में आगामी मंगलवार २३ मई को मिल मजदूर धरना-प्रदर्शन करेंगे। गृह परियोजना में ५० प्रतिशत घर मिल मजदूरों के लिए आरक्षित रखे गए हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पनवेल के कोन परिसर में एमएमआरडीए की गृह परियोजना में २,४१८ घरों के लिए लॉटरी निकाली गई थी। एमएमआरडीए ने ठाणे के रांजनोली में स्थित टाटा हाउसिंग कंपनी लिमिटेड परियोजना में १,२४४, रायगड़ जिला के रायचूर स्थित श्री विनय अग्रवाल शिलोटर परियोजना में १,०१९ और कोलहे स्थित सांवो विलेज परियोजना में २५८ इस प्रकार कुल २,५२१ घर मिल मजदूरों के लिए महाडा को उपलब्ध करके एमएमआरडीए ने दिए हैं। इन २,५२१ घरों की लॉटरी निकालने का निर्णय महाडा का मुंबई महामंडल ने लिया है। लेकिन विभिन्न अड़चनों के कारण लॉटरी की प्रक्रिया अटकी पड़ी हुई है। २,५२१ में रांजनोली में १,२४४ घरों की हालत बहुत खराब है। कोरोना
काल में इन घरों का उपयोग कल्याण-डोंबिवली महापालिका ने विलगीकरण के लिए किया था, जिसके कारण इन घरों की हालत बहुत खराब हो गई है। घरों की मरम्मत करके इसकी लॉटरी निकाली जाए, ऐसी भूमिका मिल कामगार कृति समिति ने ली है। इन घरों की मरम्मत की जवाबदारी एमएमआरडीए की है। इसलिए महाडा ने इस मामले में हाथ ऊपर कर लिए हैं, वहीं एमएमआरडीए की भूमिका यह है कि इन घरों का उपयोग कल्याण-डोबिवली महापालिका ने कोरोना काल में विलगीकरण के लिए किया है, इसलिए इन घरों की मरम्मत की जिम्मेदारी कल्याण-डोंबिवली मनपा की है।
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