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बंधु बेलडी मुनिवृंदों के प्रवचन में बड़ी संख्या में उमड़ रहे हैं लोग
सुरेश जैन धुंबड़ीया मुंबई। प.पू.गच्छाधिपति मोहनखेड़ा महातीर्थ विकास प्रेरक गुरुदेव आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचंद्रसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती शिष्य प.पू.वरिष्ठ मुनिराज श्री पीयूषचंद्र विजयजी म.सा.के पावन सान्निध्य में उगम विहार हॉल, आदित्य हाईट्स, ताड़देव में महापर्व पर्युषण की धर्म आराधना सानंद चल रही है। पर्वाधिराज पर्युषण के दूसरे दिन यहां धर्म आराधना के साथ ही विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए।इस अवसर पर ५ आश्रव कषाय दान शिला तप भाव सामायिक प्रभु दर्शन आदि एवं दैनिक कर्तव्य जिनेन्द्र पूजा गुरु की भक्ति अनुकंपा दान सुपात्र दान गुणानुराग जिनवाणी के बारे में गुरुदेव ने सरल सटिक एवं प्रभावी रूप से बताया। भगवंत ने अपने प्रवचन में अनुकंपा दान किस तरह दिया जाता है, इस पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि भीनमाल नगर के माध कवि, लेखक और सरस्वती पुत्र थे, उन्होंने राजाओं की सभा में अपनी लेखनी से प्रभावित किया। राजा ने उन्हें हाथी घोड़े धन दौलत और जेवरात आदि भेंट करके सम्मानित किया। इस सभा के बहार गरीब और दलित वर्ग के लोग भी उपस्थित थे और कविराज ने वह सारा धन उनको दे दिया, घर पर केवल दाल चावल लेकर गए। इसी भाव को देखकर उनकी धर्मपत्नी ने अपनी भावना प्रकट की और धर्म की ओर बढ़ने की बात कही। उल्लेखनीय है कि सुरि ऋषभ कृपापात्र बंधु बेलडी मुनि पीयूषचंद्र विजयजी म.सा. एवं मुनि रजतचंद्रविजयजी म.सा. का चातुर्मास प्रवेश कमाठीपुरा जैन संघ में हुआ। लेकिन इसका लाभ अधिक अधिक लोग ले सकें, इस उद्देश्य से मुनि श्री पीयूषचंद्र विजयजी म.सा.ने ताड़देव जैन संघ पहुंचकर अपना प्रवचन एवं आशीर्वचन प्रदान किया। जबकि मुनि श्री रजतचंद्र विजयजी म.सा. कमाठीपुरा जैन संघ में स्थित चातुर्मास स्थल पर अपने प्रवचन एवं धर्म आराधना से लोगों को लाभान्वित कर रहे हैं।कार्यक्रम में पाद प्रक्षालन, वधामणोत्सव, राजशाही बहुमान आदि आयोजन हुए तथा दोपहर में 02 बजे मेहन्दी, गांव सांझी सहित विभिन्न कार्यक्रम संपन्न हुए। इस अवसर पर तपस्वियों को अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा, जिसका चढ़ावा विक्रम भंसाली देवडा वालों ने लिया। प्रवचन का लाभ हजारों की संख्या में उमड उमड कर गुरुभक्त ले रहे हैं।
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