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मुंबई : हाल ही में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गई है. इस विभाग का मंत्री अमित शाह को बनाया गया है। इससे चर्चा शुरु हो गई कि देश में सहकारिता आंदोलन के केंद्र महाराष्ट्र पर असर पड़ेगा। इस पर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार के सहकारिता विभाग की वजह से महाराष्ट्र में कोई संकट आएगा, इन बातों में कोई तथ्य नहीं है। बारामती में शरद पवार ने कहा कि सहकारिता के कानून बनाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। इस अनुसार महाराष्ट्र में कानून बनाए गए हैं। विधानसभा में बनाए गए कानूनों में हस्तक्षेप करने का अधिकार केंद्र को नहीं है। ऐसे में केंद्र के सहकारिता विभाग से महाराष्ट्र के सहकारिता आंदोलन पर कोई असर नहीं होगा। संविधान के अनुसार सहकारिता का विषय राज्य सरकार का है। मल्टीस्टेट बैंक केंद्र के अधीन है, ऐसे में सहकारिता मंत्रालय कोई नया विषय नहीं है। पिछले दस साल से कृषि मंत्रालय संभालते वक्त यह मुद्दा था और अभी भी है।
शिवसेना विधायक भास्कर जाधव के विधानसभा अध्यक्ष पद पर दावे के बारे में बोलते हुए शरद पवार ने कहा कि तीनों दलों का इस बारे में स्पष्ट निर्णय है कि विधानसभा अध्यक्ष पद कांग्रेस के पास रहेगा। ऐसे में कौन क्या बोल रहा है, इसका कोई संबंध नहीं है। तीनों दलों को कांग्रेस का अध्यक्ष मंजूर है और हम इस निर्णय पर कायम है। समान नागरिक कानून के बारे में उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार इस पर फैसला नहीं ले लेती, तब तक इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। निर्णय लेने का अधिकार केंद्र सरकार का है, हमारा ध्यान इस बात पर है कि केंद्र सरकार क्या कर रही है।
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