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मुंबई : राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक का इस्तीफा नहीं लिया जाएगा और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मलिक का इस्तीफा नहीं लेने के विचार पर कायम है। हालांकि उन्होंने कहा कि कई बार सदन शुरु होने के बाद कई फैसले लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की संस्कृति शोभा देने वाली नहीं है। सरकार की विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि सरकार एक्शन मोड में है।
बजट अधिवेशन की पूर्व संध्या पर महाविकास आघाड़ी सरकार की तरफ से आयोजित चाय पार्टी का विपक्ष ने बहिष्कार कर दिया। इस वजह से महाविकास आघाड़ी के घटक दलों की बैठक हुई। इसके बाद कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री इस बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए।
विपक्ष के नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग पर अजित पवार ने कहा कि मंत्री से इस्तीफा लेना है या नहीं, इसका अंतिम अधिकार मुख्यमंत्री के पास है। मलिक का इस्तीफा नहीं लिया जाए, इस पर महाविकास आघाड़ी सरकार कायम है। हालांकि मलिक प्रकरण पर गुरुवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी, साथ ही सभागृह शुरु होने के बाद अनेक निर्णय होते हैं। पश्चिम बंगाल में कई मंत्रियों को गिरफ्तार किया गया, हालांकि वे मंत्री पद पर बने हुए हैं।
पवार ने कहा कि एसटी के राज्य सरकार में विलय को लेकर तैयार की रिपोर्ट सभागृह में पेश की जाएगी। इसे परिवहन मंत्री सभागृह में रखेंगे। इसके बाद इस पर चर्चा होगी। अजित पवार ने कहा कि गुरुवार से शुरु हो रहे अधिवेशन में मुख्यमंत्री 100 फीसदी उपस्थित रहेंगे। हालांकि उन्होंने ताना मारा कि देश के कई बड़े नेता प्रेस कांफ्रेंस तक नहीं लेते। राज्यपाल के बयान पर उन्होंने कहा कि महामहिम से वे सीधे फोन पर पूछ नहीं सकते। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए राज्यपाल को पत्र भेजा गया है।
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