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मुंबई : बीएमसी चुनाव नजदीक आते ही आरोप-प्रत्यारोप के दौर शुरु हो गए हैं। भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री आशीष शेलार ने शिवसेना और मुंबई महानगरपालिका पर कोस्टल सड़क परियोजना में 1,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि हम वर्ष 2018 से दिसंबर 2020 तक कोस्टल सड़क के कार्यों की प्रगति पर नज़र बनाये हुए थे। बांद्रा में आयोजित पत्रकार परिषद में शेलार ने कहा कि कोस्टल सड़क परियोजना में 1,000 करोड़ रुपये का घोटाला सत्तारूढ़ शिवसेना की छत्रछाया में नहीं, बल्कि साझेदारी में हुआ है। उन्होंने कहा कि मुंबई वासियों के हित में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कोस्टल परियोजना के लिए सभी तरह की कानूनी प्रक्रिया पूरी की थी। केंद्र सरकार सहित अन्य वैधानिक एजेंसियों जरुरी अनुमति ली थी। शेलार ने कहा कि उस समय ही हमारे मन में घोटाले को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ था। इसका कारण था कि स्थायी समिति में निविदा प्रक्रिया होनी थी। परियोजना प्रबंधन सलाहकार, ठेकेदार, पर्यवेक्षक सहित अन्य की नियुक्तियां होनी थी। उन्होंने कहा कि हम इस परियोजना के पक्ष में हैं, लेकिन हम इस मिलीभगत के खिलाफ हैं। परियोजना को पैकेज में पूरा किया जाना है। पहले पैकेज में ही 684 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। इस तरह कुल 1,000 करोड़ का घोटाला हुआ है। हम इस पर चुप बैठने वाले नहीं हैं।
शेलार ने कहा कि परियोजना के तहत भरनी की जाने वाली सामग्री का घनत्व एवं गुणवत्ता का मानक टेंडर में तय हैं, लेकिन मिलीभगत की वजह से गुणवत्ता और घनत्व से समझौता किया गया है। भरनी के लिए सामग्री किसी स्वीकृत खदान से लेनी थी, यदि वह किसी अस्वीकृत खदान से ली जाती है तो खनिज विभाग राज्य सरकार से लिये गये माल पर राजस्व वसूल करता है। ठेकेदार ने एक गैर मान्यता प्राप्त खदान से सारा माल ले लिया। इसलिए ठेकेदार ने सरकार को राजस्व का भुगतान नहीं किया। सरकार को 437 करोड़ रुपये मिलने थे, लेकिन ठेकेदार ने भुगतान नहीं किया। शेलार ने सवाल किया है कि सरकार में बैठे किसके कहने पर राजस्व माफ किया गया है। भरनी की सामग्री के परिवहन की एक सीमा होती है। ओवरलोड वाहनों के लिए पुलिस ने 81.22 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। लेकिन उसे जमा नहीं किया जा रहा है।
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