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सुनीता और विलमोर को स्पेस में एक हफ्ते रुकना था, 23 दिन हो गए
बीते महीनों में स्टारलाइनर का लॉन्च कई बार टाला गया था। आखिरकार 5 जून को इसने धरती से उड़ान भरी और 25 घंटे के सफर के बाद इसमें सवार सुनीता विलियम्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचीं। ये सुनीता के नाम पर एक और ऐतिहासिक रिकॉर्ड है।
लॉन्च के साथ ही बोइंग, एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाने और वापस आने के मिशन पर काम करने वाली दूसरी प्राइवेट फर्म बन गई। इसके पहले इलॉन मस्क की स्पेसएक्स ये कारनामा कर चुकी है।
बोइंग की तरफ से कहा गया कि ये लॉन्च, नासा और बोइंग के स्टारलाइनर क्रू फ्लाइट टेस्ट की शुरुआत है। लॉन्च के समय बोइंग डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी के प्रेसिडेंट और CEO टेड कोलबर्ट ने इसे स्पेस रिसर्च के नए युग की शानदार शुरुआत बताया था।
इस मिशन के तहत एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन रुक कर रिसर्च और एक्सपेरिमेंट करने थे। हालांकि, इस मिशन का मुख्य उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता साबित करना था। सुनीता और विल्मोर पहले एस्ट्रोनॉट्स हैं जो एटलस वी रॉकेट के जरिए स्पेस ट्रैवेल पर भेजे गए हैं। इस मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली उड़ाना था। इस फ्लाइट टेस्ट से जुड़े कई तरह के फ्लाइट टेस्ट ऑब्जेक्टिव भी पूरे करने थे।
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