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रूस की रोस्टेक कंपनी ने कहा है कि वह भारत में कवच-भेदी गोलियां बनाएगी। भारत के पीएम मोदी की रूस यात्रा से पहले यह घोषणा की गई है।
रूस की सरकारी रक्षा कंपनी रोस्टेक कॉर्पोरेशन ने गुरुवार को बताया कि उसकी हथियार निर्यात इकाई भारत में रूसी-निर्मित युद्धक टैंकों के लिए कवच-भेदी गोलियों का उत्पादन करेगी।
रोस्टेक
का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 8-9 जुलाई को होने वाली रूस यात्रा से पहले आया है, जहां वे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। रोस्टेक ने कहा कि भारत में बनने वाले “मैंगो” प्रोजेक्टाइल टी-72 और टी-90 टैंकों की बंदूकों से दागे जाएंगे, जिनका इस्तेमाल भारतीय थल सेना करती है।
रोस्टेक
के बयान में कहा गया, “ये गोलियां आधुनिक टैंकों को हिट करने में सक्षम हैं, जो अतिरिक्त सुरक्षा से लैस होते हैं। इन लड़ाकू वाहनों के विभिन्न प्रकार भारत में इस्तेमाल हो रहे हैं” भारत में ज्यादा उत्पादन की योजना रोस्टेक ने यह भी बताया कि भारत में स्थानीय स्तर पर ही बारूद के उत्पादन की योजना बनाई जा रही है, जो भारत सरकार की विदेशी उत्पादों के स्थानीय उत्पादन की पहल का हिस्सा है।
रूस सरकार ने हाल ही में एलान किया था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 और 9 जुलाई को रूस का दौरा करेंगे। यूक्रेन में रूसी सैन्य आक्रमण के बाद मोदी की रूस की पहली यात्रा होगी। यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत और रूस के संबंधों में बेहतरी आई है। यूक्रेन पर हमले के बाद रूस को पश्चिमी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा लेकिन भारत ने इसके बावजूद रूस से साज ओ सामान खरीदना जारी रखा और तेल की खरीद को पहले से भी बढ़ा दिया। भारत और रूस के बीच रक्षा कारोबार बीते पांच साल में बेहद मजबूत हुआ है। रूस ने भारत को बीते पांच सालों में
13 अरब डॉलर के हथियार बेचे हैं।भारत रूसी हथियारों का दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार है।
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