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मुंबई : बीएमसी प्रशासन ने सड़कों की सुरक्षा के ऑडिट के लिए एक सलाहकार नियुक्त करने का फैसला किया है। सड़क हादसों की संख्या को कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश राधाकृष्णन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्तर पर एक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा समिति का गठन किया गया है। इसके लिए मुंबई में तीन सड़कों पर प्रायोगिक आधार पर परियोजना को लागू किया जाना है। लेकिन प्रस्ताव में बीएमसी प्रशासन की तरफ से अधूरी जानकारी दिए जाने से बीजेपी के गुट नेता प्रभाकर शिंदे ने विरोध किया, जिसके बाद प्रस्ताव को रोक दिया गया।
बीएमसी 1576 किमी की तीन सड़कों का ऑडिट कराएगी। इसके लिए बीएमसी ने तीन सलाहकार नियुक्त करने का निर्णय लिया है। बीएमसी प्रत्येक किलोमीटर के लिए 20 हजार रुपए का भुगतान करेगी। जिसका 3 करोड़ 15 लाख रुपये का शुल्क देगा,। शहर में 454 किलोमीटर, पूर्व उपनगर में 352 किलोमीटर और पश्चिमी उपनगरों में 770 किमी सड़क का ऑडिट किया जाएगा। इस पर काम अगले तीन वर्षों तक जारी रहेगा। यह योजना केंद्र सरकार की है। इसके लिए पैसे भी केंद्र सरकार देगी। शिंदे ने सवाल उठाया कि केंद्र का पैसा है, इसलिए मनमाने तरीके से प्रस्ताव लाना ठीक नहीं है। कौन सी सड़क है , वहां यात्रा करना कितना खतरनाक है इसकी जानकारी प्रशासन को देनी चाहिए थी। बीएमसी मान रही है कि उसकी सड़कें खतरनाक है। वह कौन सी सड़कें हैं सदस्यों को बताना चाहिए।
सुरक्षा मुद्दे और अन्य आवश्यक सूचना रिपोर्ट तैयार करना। पर्यावरणीय प्रभाव, यातायात, भीड़भाड़, सड़क उपयोगकर्ताओं, वाहनों, पैदल चलने वालों, साइकिल चालकों के साथ-साथ विकलांग बुजुर्गों पर रिपोर्ट तैयार करना। विपक्षी सदस्यों के विरोध के बाद हमने प्रशासन को निर्देश दिया है कि किन सड़कों का ऑडिट किया जाएगा। साथ ही प्रस्ताव को लेकर कुछ अन्य सवाल भी हैं। प्रशासन से उस सवाल का जवाब देने को कहा गया है। इसलिए प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
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