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मुंबई : महाराष्ट्र में शुक्रवार को सीजीएसटी आयुक्तालय रायगढ़ ने एक नकली आइटीसी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। कलंबोली स्थित एक फर्म अशोक मेटल स्क्रैप के मालिक को 12 करोड़ रुपये के फर्जी जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ उठाने और पास करने के लिए 64 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी चालान का उपयोग करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि नोएडा सेक्टर-50 स्थित सेवानिवृत्त आइपीएस के घर से संचालित की जा रही लाकर सर्विस का प्रयोग हवाला कारोबार के लिए हो रहा था। जिन लोगों के नाम से बुक लाकर से करोड़ों रुपये बरामद हुए, वह दिल्ली के हवाला कारोबार के लिए 15 हजार रुपये की नौकरी कर रहे हैं। जांच में आयकर विभाग को इन लोगों के मोबाइल से मिले डेटा के आधार पर हवाला कारोबार किए जाने की पुष्टि होती दिख रही है। नोएडा से हवाला कारोबार को दिल्ली का बड़ा सिंडीकेट संचालित कर रहा है। इनके तार सीधे देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और दुबई से जुड़ रहे हैं। जल्द ही हवाला कारोबार से जुड़े तमाम बड़े लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं।
आयकर विभाग के सर्वे में सेक्टर-50 स्थित सेवानिवृत्त आइपीएस के घर बने 650 लाकरों में से सात संदिग्ध लाकर से 5.77 करोड़ की नकदी मिली थी। यह पैसा हवाला कारोबारियों का है। जिनके लिए यहां लाखों रुपये प्रतिमाह के किराए पर लाकर लिया गया है, वह बहुत ही लो प्रोफाइल के लोग हैं। इनका केवाईसी तक नहीं कराया गया। सूत्र बताते हैं कि लाकर के मालिकों का पता बिहार के मुजफ्फरपुर व मधुबनी जिले का है। लाकर लेने वाले व्यक्ति 15 हजार रुपये वेतन पर हवाला एजेंटों का पैसा इधर-उधर पहुंचाते हैं। हालांकि जब्त तीनों के मोबाइल फोन से हवाला कारोबार की हकीकत सामने आ रही है। वाट्सएप पर तमाम नंबरों पर पांच व 10 के नोट के साथ नंबरों का भी आदान-प्रदान हुआ है, जिनका कोड के रूप में हवाला कारोबार में इस्तेमाल हो रहा है। इसी आधार पर हवाला कारोबारियों ने भुगतान किया है। इसमें करोड़ों रुपये इधर से उधर भेजने के साक्ष्य मौजूद हैं।
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