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मुंबई. महाराष्ट्र में लंबे इंतज़ार के बाद कैबिनेट का विस्तार हो गया है. मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 41 दिन बाद एकनाथ शिंदे ने अपने दो सदस्यीय मंत्रिमंडल का विस्तार किया. शिवसेना के बागी गुट और भारतीय जनता पार्टी के नौ-नौ सदस्यों को इसमें जगह दी गई है. लेकिन इस मंत्रिमंडल में 10 विधायकों को शामिल नहीं किया गया है जो छोटे दल या फिर निर्दलीय से आते हैं. ये सब महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के दौरान शिंदे के खेमे में शामिल हुए थे.
मंत्रिमंडल विस्तार में मंगलवार को 18 विधायक शामिल हुए, जिनमें शिंदे खेमे के नौ और भाजपा के नौ-नौ विधायक शामिल थे. उदय सामंत, संदीपन भुमारे, गुलाबराव पाटिल, दादा भुस, शंबुराज देसाई, अब्दुल सत्तार, तानाजी सावंत, दीपक केसरकर और संजय राठौड़- ये सभी पहले मंत्री रह चुके हैं. हालांकि, निर्दलीय और छोटे दल के विधायकों को छोड़ दिया गया है, उनमें से कुछ मौजूदा मंत्री थे. जैसे कि बच्चु कडू और राजेंद्र यादवकर.
पिछली एमवीए सरकार में मंत्री रहे कडू ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए. सरकार उनके बिना नहीं चलेगी. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें सितंबर में होने वाले अगले कैबिनेट विस्तार में जगह देने का वादा किया गया है. उन्होंने कहा, ‘मुझसे वादा किया गया था कि मुझे एक मंत्रालय मिलेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. कुछ मुद्दे थे. मुझसे वादा किया गया है कि अगले विस्तार में मौका दिया जाएगा.’
एमवीए सरकार में राज्य मंत्री रहने वाले यादवकर ने कहा, ‘पता नहीं मुझे मंत्री क्यों नहीं बनाया गया. कुछ मुद्दे हो सकते हैं. न मुझे कोई शिकायत है और न ही मुझे कोई उम्मीद है. अगर होना ही है तो होगा. आखिरकार हमें लोगों के लिए काम करना है और यही हमारा मकसद है.
मंत्रिमंडल में किसी भी महिला को शामिल नहीं किया गया है, जिसकी नेताओं और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने आलोचना की है. राज्य में भाजपा की 12 महिला विधायक हैं. शिंदे गुट में दो महिला विधायक हैं साथ ही उसे एक निर्दलीय महिला विधायक का समर्थन भी हासिल है. महाराष्ट्र में कुल 28 महिला विधायक हैं.
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