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मुंबई : उत्तरभारतीयों खासकर बिहार का प्रमुख त्योहार छठ पूजा को मनाने की अनुमति मनपा प्रशासन ने दे दी है। मनपा ने कोरोना के संकट को देखते हुए छठ पूजा मनाने के लिए मनपा ने कई शर्तें भी लगाई हैं। जिसमें कोरोना का हवाला देकर समुद्र तटों पर सामूहिक छठ पूजा की अनुमति न देना प्रमुख है। मनपा ने मंगलवार को सर्कुलर जारी कर छठ पूजा की अनुमति दी। सर्कुलर में कहा गया है कि छठ पूजा का त्योहार समुद्र, तालाब व नदी के किनारे मनाया जाता है। लेकिन मुंबई में लगभग हर महीने 13 से 14 हजार कोरोना के मरीज मिल रहे हैं।
तीसरी लहर आने की आशंका को देखते हुए लोग सीमित स्तर पर छठ पूजा का आयोजन करें। मनपा ने समुद्र के किनारे सामूहिक छठ पूजा पर रोक लगाते हुए कहा है कि वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होना मुश्किल है। इसलिए लोग समुद्र के किनारे छठ पूजा का आयोजन न करें। मनपा ने मुंबई पुलिस से कहा है कि वह यह निश्चित करे कि छठ पूजा के लिए लोग समुद्र तट पर इकट्ठा न होने पाएं।
छठ ब्रतियों को सिर्फ पूजा करने की अनुमति दी गई है। वहीं कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोग सामूहिक छठ पूजा में शामिल हो सकते हैं। छठ पूजा आयोजन स्थल पर सेनेटाइजेशन अनिवार्य रूप से किया जाए। साथ ही थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाए। कृत्रिम तालाब पर मेडिकल टीम के साथ आवश्यकता के अनुसार एंटीजन व आरटीपीसीआर टेस्ट की व्यवस्था होनी चाहिए। ध्वनि प्रदूषण यानी डीजे व अन्य पर रोक रहेगी। तालाब में फूल व माला उठाने के लिए व्यवस्था आवश्यक होगी।
मनपा ने विभाग स्तर पर छठ पूजा की अनुमति दी है। सामाजिक संस्थाओं को अपने खर्चे पर कृत्रिम तालाब बनाने की अनुमति दी गई है। छठ पूजा के बाद संस्था को स्वयं कृत्रिम तालाबों को हटाना होगा। खुले मैदान में भी छठ पूजा की अनुमति दी गई है। लेकिन उसमें शर्त यह होगी कि मैदान की कुल क्षमता का 50 प्रतिशत या अधिकतम 200 लोग ही वहां इकट्ठा हो सकते हैं। ऑफिस में छठ पूजा करते समय उसकी कुल क्षमता का 50 प्रतिशत यह अधिकतम 100 लोग उसमें शामिल हो सकते हैं। मनपा ने स्पष्ट किया है कि कृत्रिम तालाबों के पास श्रद्धालुओं की भीड़ जमा नहीं होनी चाहिए। इसके लिए वार्ड लेवल पर पुलिस की मदद ली जाए।
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