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मुंबई : मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल 2021 में फायर सुरक्षा शुल्क वर्ष 2014 से वसूलने का निर्देश दिया था, जिसको लेकर बड़ा विवाद हुआ था और दमकल विभाग पर 5000 करोड़ का घोटाला होने का आरोप लगा था। मनपा बिल्डरों से फायर शुल्क सहित हर साल एक प्रतिशत एनुअल शुल्क भी वसूलने का निर्णय लिया था। वर्ष 2021 में भारी विरोध होने के बाद फायर शुल्क वसूलने पर रोक लग गई थी, लेकिन मनपा आयुक्त फिर एक बार मार्च महीने से फायर सेफ्टी शुल्क वसूलने की नोटिस देने की शुरुआत की है। बता दें कि मनपा ने फायर सर्विस चार्ज वसूलने के लिए बिल्डरों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। यह सर्विस चार्ज में बिल्डर व सोसायटी सहित फ़्लैट मालिक से वसूल किया जायेगा। लोगों से फायर सुरक्षा शुल्क 3 मार्च 2014 से 6 जून 2121 तक (सात वर्षों) का फायर सर्विस शल्क एक साथ वसूला जाएगा, जबकि मनपा नियम के अनुसार इमारत को ओसी व नो ड्यूज सर्टिफिकेट देते समय ही यह चार्ज वसूला जाना चाहिए था। साथ ही मुंबईकरों को एक प्रतिशत एनुअल फायर फीस भी भरनी पड़ेगी । जिसका भार मुंबई की आम जनता पर पड़ेगा। फायर ब्रिगेड के टेक्निकल एडवाइजर राजेंद्र चौधरी ने बताया कि बिल्डरों को डेढ़ महीने से फायर सेफ्टी शुल्क वसूलने के लिए नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
फायर ब्रिगेड ने एक सर्कुलर जारी किया था, जिसके मुताबिक 6 दिसंबर 2008 के बाद बनी इमारतों, जिन्हें मनपा सहित एमएमआरडीए, म्हाडा, एसआरए, एमबीपीटी व अन्य संस्थाओं ने एनओसी दिया है। ऐसी इमारतों के मालिकों, डेवलपर, सोसायटी से 3 मार्च 2014 से 6 जून 2121 तक का फायर ब्रिगेड सर्विस चार्ज वसूला जाएगा। फायर सेफ्टी शुल्क वसूलने के लिए वर्ष 2012 में प्रस्ताव लाया गया था, जिसे लॉ कमेटी व स्टैंडिंग कमेटी ने रिजेक्ट कर दिया था। उसके बाद फायर डिपार्टमेंट ने हवाला दिया कि ठाणे व मीरा- भायंदर महानगर पालिका में फायर ब्रिगेड की बेहतरी के लिए वहां यह फीस ली जाती है। मनपा ने मुंबई फायर ब्रिगेड को आधुनिक करने के लिए फायर शुल्क के नियमो में कुछ बदलाव कर उसे वसूलने के लिए मंजूर किया। इस बीच किये गए बदलाव के कारण मंजूरी के लिए राज्य सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया। राज्य सरकार से 2021 में मंजूरी मिलने के बाद फायर सेफ्टी शुल्क वसूलने का निर्णय लिया गया। मनपा अब 2014 से फायर सेफ्टी शुल्क वसूलने का लिए निर्णय का विरोध हुआ, जिसमे 5000 करोड़ का घोटाला होने का आरोप भी हुआ। मनपा अब वही शुल्क वसूलने के लिए नोटीस भेजना शुरू किया है। जिसको लेकर लोगों में भरी नाराजगी है। बिल्डर लोगों को घर सौप कर चले गए हैं और लोगों को शुल्क की अब नोटिस मिल रही है।
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