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मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राकांपा प्रमुख शरद पवार के बीच मुलाकात के बाद अटकलों का दौर शुरु हो गया। इस मुलाकात पर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा और शिवसेना के संबंध कटु हुए हैं, लेकिन राकांपा-भाजपा संबंधों में कटुता नहीं आई है। मुनगंटीवार ने कहा कि अपनी राजनीतिक संस्कृति है कि राजनीतिक मतभेद होने पर भी मनभेद नहीं होना चाहिए। इसी वजह से राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की तरफ से आयोजित स्नेहभोज में नितिन गडकरी उपस्थित हुए और बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शरद पवार की मुलाकात हुई। लड़ाई विचारों की है और मोदी और पवार एक दूसरे का आदर करते हैं। राकांपा के दो बड़े नेता जेल में है। कई नेताओं पर ईडी और आयकर विभाग ने छापे मारे हैं।
इस वजह से आप पीएम मोदी-शरद पवार की मुलाकात को किस नजरिए से देखते हैं? इस सवाल पर मुनगंटीवार ने कहा कि राष्ट्रवादी और भाजपा के संबंधों में कटुता नहीं आई है, जबकि शिवसेना और भाजपा के संबंधों में खासी कटुता आ गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना की युति थी। मतदाताओं ने युति को अपना मत दिया, लेकिन शिवसेना ने बेईमानी की। इस वजह से शिवसेना और भाजपा में कुटता है। राष्ट्रवादी के साथ हमने चुनाव नहीं लड़ा, उन्होंने हमसे कोई बेईमानी नहीं की, इस वजह से कटुता का सवाल की पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी। राज्य में भी भाजपा-शिवसेना की सरकार बनाने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने खूब मेहनत की। शिवसेना के उम्मीदवारों का प्रचार किया, लेकिन शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद के लिए बेईमानी की। यह पूछने पर कि राकांपा के दो बड़े नेता केंद्रीय एजेंसियों की जांच की वजह से जेल में है। ऐसे में भाजपा और राकांपा में कटुता नहीं है? इस सवाल पर मुनगंटीवार ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों अपना काम कर रही हैं। नवाब मलिक और अनिल देशमुख का अर्थ राकांपा नहीं है। इन दोनों नेताओं का मतलब राकांपा नहीं है। भाजपा-शिवसेना के संबंध कटु हुए हैं, राकांपा भाजपा संबंधों में कटुता नहीं आई है।
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