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मुंबई : महाराष्ट्र में शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों द्वारा बुलाए गए बंद में जोरदार हिंसा हुई है। नांदेड, मालेगांव, अमरावती समेत कुछ अन्य जगहों में जोरदार हिंसा हुई। इस दौरान उपद्रवियों ने सैकड़ो दुकानों में तोड़फोड़ कर उन्हें लुट लिया। वहीं वहां गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई। इस हिंसा में एडिशनल एसपी समेत सात से आठ पुलिसवाले घायल हुए, कई आम लोग भी घायल हुए हैं। जिन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। इसी बीच महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने हिंदुओं और मुसलमानों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा, त्रिपुरा में हुई हिंसा के खिलाफ राज्य भर के मुसलमानों ने आज विरोध मार्च निकाला। इस दौरान नांदेड़, मालेगांव, अमरावती और कुछ अन्य जगहों पर पथराव किया गया। मैं सभी हिंदुओं और मुसलमानों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।
गृहमंत्री ने कहा, स्थिति नियंत्रण में है। मैं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से इसकी निगरानी कर रहा हूं। अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। हमें सामाजिक सद्भाव बनाए रखने की जरूरत है, मैं सभी से अपील करता हूं। मैं पुलिस से भी संयम से स्थिति को नियंत्रित करने और शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।
वहीं नांदेड़ के एसपी प्रमोद कुमार शेवाले ने कहा कि, रज़ा अकादमी ने नांदेड़ में धरना-प्रदर्शन किया। कुछ युवक मिश्रित रिहायशी इलाकों की ओर जा रहे थे, पुलिस ने उन्हें रोका जिसके बाद उन्होंने पथराव किया। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया। यह शहर में 3-4 स्थानों पर हुआ। उन्होंने कहा, हम अपराध दर्ज कर रहे हैं, फिलहाल नांदेड़ में शांति है। मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि अफवाहों पर विश्वास न करें। 7-8 पुलिस अधिकारी घायल।
उधर अमरावती में भी उपद्रवियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है। अमरावती के डीसीपी, विक्रम साली ने कहा कि, पांच शिकायतों के आधार पर मामला दर्ज किया जा रहा है। फिलहाल यहां शांति है। इस विरोध मार्च के लिए पुलिस की अनुमति नहीं ली गई थी। शिकायतों के आधार पर हम इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
सूत्रों की माने तो, त्रिपुरा में हिंसा को लेकर नासिक के मालेगांव में समुदाय विशेष ने अब्दुल हमीद चौक पर प्रदर्शन और रैली निकाली थी। लेकिन रैली के बीच एक ही समुदाय के दो ग्रुप आपस मे भिड़ गए और जबरदस्त पथराव हुआ। घटना के वक्त वह पर 5 से 6 हजार लोगों की भीड़ मौजूद थे और पुलिस बल भी उपस्थित थे। वहीं एक समुदाय के दो धड़ों में हुए पथराव के बाद पूरे शहर में तनाव बढ़ गया है। कई गाड़ियों पर भी पथराव किया गया है। वहीं अमरावती में प्रदर्शन के दौरान 20 से ज्यादा दुकानों में तोड़फोड़ की जाने की घटना सामने आई है।
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