Breaking News
मुंबई : मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बयान पर शिवसेना ने स्पष्टीकरण दिया है। शनिवार को सीएम से मुलाकात के बाद शिवसेना सांसद एवं प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि शुक्रवार को औरंगाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व और मौजूदा सहयोगी को लेकर दिए गए बयान का गलत अर्थ निकाला गया।
संजय राउत ने कहा कि शिवसेना ने सहयोगी दलों से पांच साल तक सरकार चलाने का वादा किया है। शिवसेना न कभी विश्वासघात करती है और न ही सहयोगी दल के पीठ में खंजर घोंपती है। शिवसेना अपने वादे से नहीं मुकरेगी। राउत ने कहा कि सरकार गिर जाएगी, इस भ्रम में किसी को नहीं रहना चाहिए। अगर कोई पतंग उड़ाना चाहता है तो उड़ाएं, उस पतंग को कब काटना है उसे शिवसेना को तय करना है। इस तरह का बयान देना मुख्यमंत्री की स्टाइल है। सीएम ने अपने बयान में यह कभी नहीं कहा कि शिवसेना महाविकास आघाड़ी सरकार के बाहर जा रही है और नए सहयोगी दल के साथ मिलकर हम सरकार बना रहे हैं। बात रही पूर्व सहयोगी दल के नेताओं की तो उनसे मिलना कोई गुनाह नहीं है।
शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि जिस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शिवसेना भवन तोड़ने, मुख्यमंत्री के खिलाफ अशब्द का इस्तेमाल किया है, उसके साथ शिवसेना कैसे हाथ मिला सकती है। संजय राउत ने कहा कि राज्य सरकार में शामिल तीनों पार्टियों में कोई मतभेद नहीं है। एमआईएम जैसे पार्टियों को रोकने के लिए महाविकास आघाड़ी सरकार सक्षम है। जिस तरह करीब दो साल का कार्यकाल सरकार ने पूरा किया है उसी तरह, उसी गति से तीन साल का कार्यकाल पूरा करेगी। बता दें कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने औरंगाबाद में एक समारोह में मंच पर बैठे वर्तमान-पूर्व साथ आए तो कहते हुए 'भावी सहयोगी' का उल्लेख किया था। भावी सहयोगी का उल्लेख करते हुए उन्होंने मंच पर पीछे की तरफ भी देखा जहां केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे और भागवत कराड उपस्थित थे। ठाकरे के इस बयान के बाद भाजपा और शिवसेना के फिर एक साथ आने की अटकलें शुरू हो गई थी जिसे सीएम से मिलने के बाद संजय राउत ने ख़ारिज कर दिया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के Òभावी गठबंधनÓ संबंधी बयान पर नाराजगी जताई है। मुख्यमंत्री ठाकरे ने शुक्रवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय रेल राज्यमंत्री रावसाहब दानवे की ओर इशारा करते हुए उनको पूर्व और भावी सहयोगी बताया था। इसके बाद सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी के अस्तित्व को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं। राकांपा के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक इस पूरे प्रकरण पर शनिवार को शरद पवार ने शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता से बात की और अपनी नाराजगी जताई। पवार ने कहा कि महाविकास आघाड़ी में जब सबकुछ ठीक चल रहा है तो उद्धव ठाकरे को इस तरह का बयान देने की क्या जरूरत थी।
रिपोर्टर