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10 जुलाई को राजस्थान विधानसभा
में भाजपा सरकार का पूर्णकालिक बजट प्रस्तुत हुआ। बजट के एक दिन पहले प्रदेश कांग्रेस
कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने वित्त मंत्री दीया कुमारी के संदर्भ में कहा
कि बजट किसी और ने लिखा है और पढ़ने का काम कोई और कर रहा है। डोटासरा ने एक महिला
वित्त मंत्री के संदर्भ में ऐसी टिप्पणी क्यों की, यह तो वो ही जाने, लेकिन डोटासरा
को यह याद होना चाहिए कि कांग्रेस के पिछले शासन में वित्त मंत्री ही नहीं बनाया गया।
वित्त मंत्री की भूमिका मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ही निभाई। गहलोत अपनी सरकार का जब
अंतिम बजट प्रस्तुत कर रहे थे तो विधानसभा में पुराने बजट के तीन पृष्ठ ही पढ़ दिए।
डोटासरा बताए कि अशोक गहलोत ने किसका लिखा हुआ बजट पढ़ा। डोटासरा को कोई टिप्पणी करने
से पहले अपनी पार्टी के पिछले पांच साल के कामकाज को देख लेना चाहिए। जब हम आधी आबादी
की बात करते हैं तो वित्त मंत्री के तौर पर दीया कुमारी के बजट प्रस्तुत करने की प्रशंसा
भी करनी चाहिए। दीया कुमारी पहली बार मंत्री बनी है और पहली बार अपनी सरकार का पूर्णकालिक
बजट प्रस्तुत कर रही है, ऐसे में डोटासरा को भी दीया कुमारी की हौसला अफजाई करनी चाहिए।
जहां तक बजट तैयार करने का सवाल है तो सरकार की नीति के अनुरूप अधिकारी ही बजट तैयार
करते हैं।
पायलट का महत्व:
9 जुलाई को जयपुर में इंडिया
गठबंधन के नवनिर्वाचित सांसदों का सम्मान समारोह रखा गया। यह समारोह कांग्रेस के प्रदेश
अध्यक्ष डोटासरा की पहल पर हुआ। इस समारोह में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का महत्व
देखने को मिला। उपस्थित अधिकांश सांसदों ने अपनी जीत का श्रेय पायलट को दिया। अस्वस्थ
होने के कारण पूर्व सीएम अशोक गहलोत उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा
प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली आदि ने गहलोत के निवास स्थान पर जाकर कुशलक्षेम पूछी।
इन नेताओं में सचिन पायलट शामिल नहीं थे।
रोत और बेनीवाल नहीं आए:
कांग्रेस की पहल पर हुए प्रदेश
के इंडिया गठबंधन के नवनिर्वाचित सांसदों के सम्मान समारोह में आरएलपी के सांसद हनुमान
बेनीवाल और भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने भगा नहीं लिया। इन दोनों
सांसदों ने भाग न लेने पर अब राजनीति क्षेत्रों में अनेक चर्चाएं व्याप्त है। अलबत्ता
सीकर से निर्वाचित सीपीएम के सांसद अमराराम चौधरी समारोह में उपस्थित थे।
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