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महाराष्ट्र : महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी दक्षिण मुंबई में एक 20 मंजिला आवासीय इमारत में शनिवार को लगी भीषण आग की जांच के लिए गठित 4 सदस्यीय समिति ने रविवार को अपनी जांच-पड़ताल शुरू कर दी है. चूंकि 8 घायलों की हालत फिलहाल गंभीर बनी हुई हालांकि इस मामले से अधिकारियों ने कहा कि इस आग में 6लोगों की मौत हो गई और 24 अन्य घायल हो गए थे. इस दौरान जांच की अध्यक्षता उप नगर आयुक्त स्तर के अधिकारी करेंगे. हालांकि BMC कमिश्नर को 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपी जाएगी. वहीं, महाराष्ट्र सरकार की ओर से मृतकों के परिवार वालों को 5 लाख रुपए की मदद की घोषणा की गई है. साथ ही केंद्र सरकार द्वारा मृतक के परिजनों के लिए 2 लाख की मदद की घोषणा की गई है.
दरअसल, ये हादसा दक्षिण मुंबई में तारदेव इलाके के गोवालिया टैंक में भाटिया अस्पताल के सामने स्थित ग्राउंड प्लस 20 मंजिला इमारत सचिनम हाइट्स में शनिवार को हुआ. वहीं, स्थानीय लोगों के मुताबिक सुबह के करीब 7.30 बजे आग लग गई, जबकि इस दौरान बिल्डिंग के कई निवासी सो रहे थे. वहीं, मुंबई पुलिस के DCP ने कहा कि प्राथमिक सूचना से संकेत मिलता है कि आग 15वीं मंजिल पर लगी और 19वीं मंजिल तक फैल गई जोकि वहां पर सबसे ज्यादा प्रभावित हुई. जानकारी के मुताबिक ये घटना 18 वीं मंजिल में लगी. वहीं, ये आग शॉर्ट सर्किट होने के कारण लगी थी.
बता दें कि बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के एक अधिकारी ने कहा कि करीब पांच घंटे बाद दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर 15 दमकल वाहनों की मदद से आग पर काबू पाया गया. उन्होंने कहा कि इस घटना ने गगनचुंबी इमारतों में लगे अग्निशमन उपकरणों की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं, रविवार को बीएमसी के एक बयान के अनुसार, जांच समिति की अध्यक्षता उप नगर आयुक्त स्तर के अधिकारी करेंगे और BMC कमिश्नर को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपी जाएगी. वहीं, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने एक बयान में कहा कि बीते दिन साउथ मुंबई के तारदेव इलाके में कमला इमारत में हुई आग की घटना की जांच की जाएगी. हालांकि मुंबई उपनगर के हमारे संरक्षक मंत्री आदित्य ठाकरे और मुंबई शहर के अभिभावक मंत्री असलम शेख इस आग की घटना की जांच-पड़ताल पर गौर करेंगे.
गौरतलब हैं कि मुंबई फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने राज्य विद्युत निरीक्षक के साथ BMC अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से एक बैठक की है, ताकि दोषपूर्ण विद्युत सर्किट के कारण आग की घटनाओं को कम करने में मदद करने के लिए भवनों का सुरक्षा ऑडिट किया जा सके. इस दौरान स्थानीय लोगों का कहना हैं कि आवासीय सोसायटियों को वर्तमान में हर 6 महीने में किए जाने वाले फायर ऑडिट की तर्ज पर इलेक्ट्रिकल ऑडिट करने के लिए कहा जाना चाहिए. विद्युत निरीक्षक वर्ष में एक बार या जो भी अवधि तय की जाती है, और बाद में हमारे साथ अनुपालन रिपोर्ट अनिवार्य कर सकता है. इस दौरान मुंबई फायर ब्रिगेड के मुख्य अग्निशमन अधिकारी हेमंत परब ने कहा, हम उन्हें इस तरह की नीति तैयार करने में भी जानकारी देंगे, क्योंकि इससे शहर में आग की घटनाओं में कमी आएगी.
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