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मुंबई, बरसात के मौसम में ठेकेदारों ने गड्ढों को भरने से मना कर दिया तो मनपा ने खुद गड्ढों को भरने का निर्णय लिया है। मनपा की ओर से स्पष्ट किया गया कि ८४ करोड़ रुपए खर्च की वसूली संबंधित ठेकेदारों से की जाएगी, इससे सड़क के गड्ढों को भरा जाएगा। जहां जरूरत होगी, वहां मरम्मत की जाएगी। साइड लाइन की मरम्मत की जाएगी। मनपा ने इस काम को १५ जून तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
मुंबई में ४०० किमी सीमेंट कंक्रीट सड़क के लिए महापालिका ने ६०० करोड रुपए के काम का वर्कआर्डर दिया था। फिर भी ९०० में से केवल ८६ काम शुरू हैं। वर्कऑर्डर मिलने के बाद भी प्रत्यक्ष रूप से काम शुरू होने तक संबंधित सड़क के गड्ढे की जवाबदारी अपनी नहीं हैं, यह कहते हुए ठेकेदारों ने अपने हाथ ऊपर उठा लिए है। इसलिए अड़चन में आई मनपा ने गड्ढे को पाटने के लिए पुन: ८४ करोड़ का टेंडर निकाला है। मनपा की यह भूमिका नियम के बाहर की होने की बात कही जा रही है।
बता दें कि मुंबई मनपा के अधिकार क्षेत्र में लगभग दो हजार किलोमीटर सड़कें हैं। इन सभी सड़कों को सीमेंट कंक्रीट बनाने की योजना मनपा ने बनाई है। इसमें करीब एक हजार किमी सड़कों की सीमेंट-कंक्रीटिंग का काम भी पूरा हो चुका है, जबकि शेष सड़कों को चरणबध तरीके से सीमेंट-कंक्रीट का बनाया जा रहा है। इसमें इस साल ४०० करोड़ रुपए की सड़कों के लिए मनपा ने छह करोड़ रुपए के काम का वर्कऑर्डर पांच ठेकेदारों को दिया है। इस वर्ष भारी पैमाने पर काम हो रहे हैं, इसलिए मनपा को विशेषज्ञों ने योग्य ठेकेदारों को नियुक्त करने के लिए कहा है। ठेकेदारों ने मनपा से कहा है कि जिन सड़कों पर काम शुरू नहीं हुआ है, वहां के गड्ढों के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं।
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