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मुंबई, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के प्रबंधन की मनमानी के कारण वडाला स्थित पोर्ट ट्रस्ट अस्पताल के पूरी तरह से तैयार होने के बावजूद भी उसका हस्तांतरण नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण पोर्ट ट्रस्ट के कर्मचारियों सहित हजारों नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा से वंचित रहना पड़ रहा है। बंद अस्पताल में मौजूद आला दर्जे की मशीनों व वेंटिलेटरों का इस्तेमाल न किए जाने से उनके खराब होने की भी आशंका जताई जा रही है। पोर्ट ट्रस्ट अस्पताल में डायलिसिस मशीन सहित ऑपरेशन थिएटर तक पूरी तरह बनकर तैयार किया जा चुका है। लेकिन यहां लोगों को सुविधा नहीं मिलने से नागरिकों व पोर्ट ट्रस्ट के कर्मचारियों को इलाज के लिए महंगे अस्पताल की ओर रुख करना पड़ रहा है।
मुंबई पोर्ट ट्रस्ट अस्पताल के पुनर्विकास के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला गया था। तमाम शर्तों व नियमों को पूरा करने के बाद अजिंक्य डी. वाई. पाटील समूह को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के अंतर्गत अक्टूबर २०१९ में अस्पताल का काम सौंपा गया था, जिसके बाद अस्पताल की स्थिति में सुधार किया गया। अस्पताल में बेहतर डॉक्टर, नर्स सहित प्रशिक्षित स्टॉफ उपलब्ध कराए गए हैं। अस्पताल के पुनर्विकास के काम में १५० करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई है। मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के कर्मचारियों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि क्षेत्र में अच्छे अस्पताल नहीं हैं। हमें सुविधा नहीं मिलने की वजह से मनपा के अस्पतालों पर इलाज के लिए निर्भर रहना पड़ता है।
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