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मुंबई, गणवेश के बारे में ईडी सरकार ने घोषणा भले ही दो महीने पहले कर दी थी, लेकिन स्कूल इस बात को लेकर असमंजस में थे कि गणवेश खरीदें या नहीं, क्योंकि उन्हें सरकार की ओर से कोई लिखित ऑर्डर नहीं मिला था।
सरकार ने पहले कहा था कि एक गणवेश स्कूल प्रबंधन समिति देगी, जबकि दूसरा गणवेश सरकार देगी। इसमें से कई स्कूलों ने गणवेश की मांग को पंजीकृत भी कराया था। कुछ स्कूलों ने विलंब से गणवेश की मांग प्रस्तुत की थी। इस असमंजस के बीच शिक्षक कह रहे हैं कि कुछ स्कूलों द्वारा देर से अनुरोध करने के बाद कई छात्रों को स्कूल के पहले दिन गणवेश मिलने की संभावना बहुत कम है।
गणवेश के संदर्भ में तरह-तरह की खबरे आने के कारण गणवेश उत्पादकों ने निवेश नहीं किया। इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन समिति में स्पष्टता नहीं होने के कारण उन्होंने गणवेश की मांग दर्ज नहीं कराई। वर्तमान में केवल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्रों और लड़कियों की गणवेश के लिए सरकार द्वारा अनुदान आया है। कई स्कूलों ने गणवेश की मांग की है, फिर भी स्कूल पहले दिन गणवेश विद्यार्थियों को उपलब्ध नहीं करा सकेंगे। इस स्थिति में गणवेश उपलब्ध कराने में पंद्रह से एक महीने लगेंगे। इस स्थिति में सभी स्कूलों को गणवेश देने में एक महीने लगेंगे, ऐसा पुणे जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव खंडेराव ढोबले ने कहा। राज्य के लिए एक गणवेश घोषित करते समय भौगोलिक परिस्थिति और वातावरण का विचार नहीं किया गया है, ऐसा आरोप महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूल मुख्याध्यापक संघ महामंडल के राज्य प्रवक्ता महेंद्र गणपुले ने लगाया।
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