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मुंबई, महानगर मुंबई में मानसून को लेकर मनपा हर साल तैयारियां करती है। इस बार भी मानसून से पहले मनपा प्रशासक की अगुवाई में जोरदार तैयारियों का दावा किया गया। लेकिन यह दावा मानसून की पहली बारिश में ही फिर खोखला नजर आया। मानसून की तैयारियों को लेकर मनपा की ओर से खर्च किए गए करोड़ों रुपए बर्बाद होते नजर आए। मनपा ने मानसून से पहले नालों की सफाई के लिए जमकर खर्च किया, सड़क के गड्ढों को भरने के लिए ठेकेदार नियुक्त किए। भारी बारिश के दौरान जगह-जगह जलजमाव के निकासी के लिए पंप लगाए गए। इन सभी उपायों के बावजूद पहले मानसून में जलजमाव के साथ-साथ सड़कों पर गड्ढे भी हो गए। मानसून को लेकर मनपा के तमाम दावों की पोल खुल गई। हालांकि, मनपा अधिकारी इस पर लीपापोती कर रहे हैं। मुंबईकरों के समक्ष मनपा के खोखले दावे की पोल खुलकर सामने आ गई हैं। मनपा ने भले ही मानसून की तैयारियां की हों, लेकिन मुंबईकरों को मायूस किया है।
मनपा ने समय से पहले ही नाला सफाई का दावा किया था। इस बार नाला सफाई पर मनपा ने २५७ करोड़ रुपए खर्च किया है। इसी के साथ सड़कों पर गड्ढों को पाटने के लिए दो आधुनिक तकनीक का उपयोग किया है। गड्ढे पाटने के लिए मनपा ने १४४ करोड़ रुपए का ठेका दिया ़गया है। इतना ही नहीं जलजमाव को रोकने के लिए पूरे मुंबई में ४५० पंप लगाए गए हैं। रास्तों पर खतरनाक वृक्षों की छंटाई के लिए लगभग ११० करोड़ रुपए का ठेका दिया है। मुंबई में खतरनाक पेड़ों की छंटाई का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। जिसका परिणाम है कि मानसून के दस्तक के साथ ही अब तक मुंबई में ३ लोगों की मौत पेड़ों के गिरने से हुई है और कुल मौतें ९ हुईं।
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