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मुंबई, महाविकास आघाड़ी सरकार को साजिश के तहत गिराकर शिंदे-फडणवीस सरकार की स्थापना की गई। यह राज्य की जनता के साथ विश्वासघात, बेईमानी का वर्ष है। दिल्ली के इशारे पर बनी इस सरकार के एक साल के कार्यकाल में महाराष्ट्र १० वर्ष पीछे चला गया है, ऐसे शब्दों में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने ईडी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि स्वाभिमानी लोग नहीं चाहते कि यह असंवैधानिक, असंवेदनशील और भ्रष्ट ‘कुशासन’ सरकार महाराष्ट्र में रहे। लोग चाहते हैं कि यह सरकार जल्द से जल्द जाए।
शिंदे-फडणवीस सरकार के एक साल पूरे होने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि इस सरकार के गठन के दौरान लिए गए सभी फैसले सुप्रीम कोर्ट ने गलत ठहराए हैं। राजभवन का दुरुपयोग कर, विधायकों को ईडी, सीबीआई का डर दिखाकर और खोके देकर यह सरकार बनाई गई। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पैâसले में एक तरह से इस सरकार को असंवैधानिक करार दिया है लेकिन इसके बावजूद ईडी (शिंदे-फडणवीस) सरकार कुर्सी से चिपकी हुई है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र हमेशा से ही औद्योगिक दृष्टि से अग्रणी राज्य रहा है, लेकिन ईडी सरकार ने भी इस इमेज को नष्ट कर दिया है। वेदांता-फॉक्सकॉन जैसे १.५ लाख करोड़ के संयुक्त उद्यम और १ लाख से अधिक रोजगार सृजन परियोजना गुजरात को दे दी गई है। टाटा एयरबस परियोजना, बल्क ड्रग्स पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, समुद्री अकादमी, ये सभी बड़े उद्योग और संस्थान महाराष्ट्र से बाहर चले गए। उद्योगों के राज्य से बाहर चले जाने से २ लाख से अधिक नौकरियां भी चली गर्इं। राज्य में ३५ लाख छात्र महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं की तैयारी करते हैं लेकिन ये परीक्षाएं समय पर नहीं होने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अफसर बनने का सपना देखने वाले गांवों के गरीब, सामान्य परिवारों के बच्चों का भविष्य दांव पर है। ईडी सरकार किसान, मजदूर, अल्पसंख्यक, दलित और वंचित विरोधी है। जनता का पैसा बिना कोई काम किए आयोजनों और विज्ञापनों में बर्बाद किया जा रहा है और महाराष्ट्र में भी डबल इंजन सरकार पटरी से उतर गई है, ऐसा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा।
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