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मुंबई। मनपा में हुए भ्रष्टाचार को लेकर ईडी के बाद अब एसआईटी भी अपनी जांच तेज कर दी है।मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने मनपा के सह आयुक्त रमेश पवार को एसआईटी की जांच के लिए कागजात उपलब्ध कराने को लेकर नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। रमेश पवार को अब मनपा के विभिन्न विभागों से एसआईटी द्वारा मांगे जाने वाले कागजातों को मुहैया कराना होगा।मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा जांच के लिए कमेटी बनाए जाने के बाद एसआईटी अब पूरी तरह अपनी हरकत में आ गई है।मनपा में हुए 12000 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार के मामले में जांच एजेंसियों का बढ़ता जा रहा है। मनपा के एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई पुलिस के सह आयुक्त (आर्थिक अपराध शाखा ) ने मनपा को पत्र लिख कर जानकारी मांगी थी।मनपा आयुक्त ने ईडी को कागजात उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी अतिरिक्त आयुक्त पी वेलरासू को सौंपी थी। जबकि एसआईटी की जाँच में सहयोग देने के लिए सह आयुक्त रमेश पवार को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। मनपा सूत्रों के मुताबिक़ एसआईटी ने मनपा से 25 लाख से अधिक के जो टेंडर दिए गए हैं उनके बारे में जानकारी मांगी है। इसमें मेडिकल, कोविड सेंटर, अस्थायी हॉस्पिटल, ऑक्सिजन प्लांट, रेमडेसिवीर सहित दहिसर में भूखंड खरीदी , चार ब्रिज के निर्माण पर खर्च, तीन अस्पतालों पर हुए खर्च ,सड़कों के निर्माण पर खर्च , स्ट्रॉम वॉटर ड्रेन प्रोजेक्ट खर्च ,घनकचरा प्रोजेक्ट पर हुआ खर्च शामिल है। इसके अलावा आईटी और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए किए गए खर्च की जानकारी भी शामिल है। अधिकारी ने बताया कि मनपा में विभिन्न विभागों के 94 ब्रांच हैं। रमेश पवार टेंडर निकालने वाले अधिकारियों सहित उसे किस प्रक्रिया के तहत पास किया गया। कितने ठेकेदारों ने टेंडर भरा और कैसे उन्हें ठेका मिला इसकी पूरी जानकारी रमेश पवार पवार इकठ्ठा कर आर्थिक अपराध शाखा केसह आयुक्त पुलिस को सौंपेंगे। बता दें कि मनपा में भ्रष्टाचार के मामले में एजेंसियों ने जांच तेज कर दी है। मनपा आयुक्त ने इस मुद्दे पर पिछले दिनों सभी अतिरिक्त आयुक्त के साथ लंबी बैठक की थी।
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