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मुंबई, महाराष्ट्र के सीएम शिंदे के नेतृत्ववाली ‘घाती’ सरकार के आशीर्वाद से मनपा में करोड़ों रुपए का घोटाला होने का पर्दाफाश शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने किया है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने समिति से जांच कराए जाने की घोषणा की थी। हालांकि, इस जांच में मुख्यमंत्री के ‘बिल्डर दोस्तों’ को क्लीन चिट मिलने की पूरी संभावना है। इसलिए मनपा में हुए करोड़ों के घोटालों की जांच लोकायुक्त से कराई जाए। इस तरह की मांग शिवसेना नेता, युवासेनाप्रमुख व विधायक आदित्य ठाकरे ने कल की।
मनपा द्वारा स्ट्रीट फर्नीचर लगाने का काम कराया गया, जिसमें शिंदे सरकार के आशीर्वाद से करीब २६३ करोड रुपए के घोटाले का सबूत के साथ पर्दाफाश किया गया। इसके बाद भी मनपा की ओर से अभी तक किसी तरह का ठोस जवाब नहीं आया। इसके अलावा करोड़ों रुपए के खड़ी और सड़क कार्य में भी भ्रष्टाचार हुआ है। इसे लेकर शिवसेना ने १ जुलाई को मनपा मुख्यालय पर विराट मोर्चा निकालकर जोरदार ढंग से निषेध व्यक्त किया था। मोर्चा निकालने के बावजूद निकम्मे मनपा प्रशासन और शिंदे सरकार की ओर से किसी भी तरह की कार्रवाई न होने के बाद कल आदित्य ठाकरे ने अधिवेशन में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी। इसलिए मुख्यमंत्री ने अधिवेशन की पूर्व संध्या पर मनपा में हुए घोटालों के आरोपों की समिति से जांच करने की घोषणा की। हालांकि, इस पर आदित्य ठाकरे ने आपत्ति जताते हुए लोकायुक्त से जांच कराने की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने ट्वीट भी किया है।
मुंबई में सड़क, खड़ी ,स्ट्रीट फर्नीचर घोटाले पर मुंबईकरों के माध्यम से लगातार आवाज उठाए जाने और विराट मोर्चा निकालने के बाद अब ‘अधिवेशन में परेशानी खड़ी होगी’ इस भय से असंवैधानिक मुख्यमंत्री की नींद टूटी है। घोटालों की जांच करेंगे, ऐसा उन्होंने कहा है।
यह मुंबईकरों की जीत ही है। हालांकि, इन घोटालों की लोकायुक्त द्वारा जांच होनी चाहिए। इस संबंध में मेरे द्वारा मांगी गई रिपोर्ट और बैठक का वृत्तांत मनपा को देना चाहिए। वो क्यों नहीं दिया जा रहा है? इसमें छुपाने जैसा कुछ है क्या? ऐसा सवाल भी आदित्य ठाकरे ने पूछा है।
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