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बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच भड़की हिंसा अब उग्र हो चुकी है। इस बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़कर निकलने की खबरे हैं। उन्होंने अपने पद से भी इस्तीफा दे दिया है। बांग्लादेश के उच्चायोग के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। साथ ही यह भी कहा गया है कि वह आज ही भारत पहुंच सकती हैं।हजारों लोग प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास में घुस गए हैं। इस पूरे घटनाक्रम के बीच बांग्लादेश के कानून मंत्री अनीसुल हक ने कहा कि स्थिति काफी गंभीर हो गई है। ढाका में प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के संस्थापक और शेख हसीना के पिता शेख मुजीब-उर-रहमान की मूर्ति के साथ तोड़फोड़ कर दी।बांग्लादेश में हाल ही में पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिसंक झड़पें हुईं हैं। दरअसल, प्रदर्शनकारी छात्र विवादित आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत बांग्लादेश के लिए वर्ष 1971 में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्रामियों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित की गईं हैं।बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमान ने कहा कि उन्होंने सेना और पुलिस दोनों से कोई गोली न चलाने को कहा है। वहीं भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक (कार्यवाहक) दलजीत सिंह चौधरी और वरिष्ठ अधिकारी भारत-बांग्लादेश सीमा सुरक्षा की समीक्षा के लिए कोलकाता पहुंच गए हैं। जानकारी के मुताबिक बीएसएफ ने पड़ोसी देश में हिंसक घटनाक्रम के मद्देनजर भारत-बांग्लादेश सीमा के 4,096 किलोमीटर क्षेत्र में सभी इकाइयों को 'हाई अलर्ट' जारी किया है।
प्रदर्शनकारियों ने धनमंडी में गृह मंत्री के कार्यालय
में की तोड़फोड़
बांग्लादेश में सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने धनमंडी में मौजूद गृह मंत्री असदुजमन खान के कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी प्रवेश द्वार तोड़कर मंत्री के आवास में घुस आए। इस दौरान घर के अंदर से धुआं निकल रहा था और परिसर में तोड़फोड़ हो रही थी।
प्रदर्शनकारियों-पुलिस के बीच झड़प में 300 लोगों की मौत
इससे पहले रविवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में करीब
300 लोग मारे गए। आपको बता दें कि बांग्लादेश में हाल ही में पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिसंक झड़पें हुईं हैं। दरअसल, प्रदर्शनकारी छात्र विवादित आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत बांग्लादेश के लिए वर्ष
1971 में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्रामियों के परिवारों के लिए 30
प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित की गईं हैं।
ऐसे
भड़की
दंगों
की आग
प्रदर्शनकारी छात्रों का तर्क है कि मौजूदा आरक्षण के नियमों का फायदा शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग से जुड़े लोगों को मिल रहा है। इसे लेकर प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त किया है। सरकार ने बांग्लादेश में स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का फैसला लिया। इसके बाद भी सरकार देश में फैली अशांति को नियंत्रित करने में विफल साबित हुई। उधर, आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी प्रदर्शनकारी नाखुश नजर आ रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि स्वतंत्रता संग्रामियों परिजनों को सरकारी नौकरियों में दिया जाने वाला आरक्षण पूरी तरह से खत्म होना चाहिए। बांग्लादेश की सेना के पूर्व प्रमुख इकबाल करीम ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ उठाए गए कदमों को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना की है। इस बीच मौजूदा सेना प्रमुख ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है और इस वजह से देश में दंगों की आग और भी अधिक भड़क गई।
क्या हिंसा भड़कने के पीछे पाकिस्तान की आईएसआई का हाथ है?
अब सवाल यह है कि क्या बांग्लादेश में हिंसा के पीछे पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी, इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (आईएसआई) का हाथ है? बताया गया है कि बांग्लादेश में ‘छात्र शिविर’ नाम के छात्र संगठन ने हिंसा को भड़काने का काम किया है। यह छात्र संगठन बांग्लादेश में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी की शाखा है। बताया जाता है कि जमात-ए-इस्लामी को पाकिस्तान की आईएसआई का समर्थन प्राप्त है। उधर, बांग्लादेश सरकार इस बात का पता कर रही है कि क्या मौजूदा स्थिति में आईएसआई ने भी हस्तक्षेप किया है।
भारत ने बढ़ाया सुरक्षा सतर्कता
बांग्लादेश में बदलती स्थिति के मद्देनजर, भारत ने अपनी सीमा सुरक्षा को मजबूत किया है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने भारत-बांग्लादेश सीमा के 4,096 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में सभी यूनिट को हाई अलर्ट पर रखा है। BSF के कार्यवाहक महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी और सीनियर अधिकारी कोलकाता पहुंच गए हैं, जहां भारत-बांग्लादेश सीमा सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी।
भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा पर सलाह
भारत ने बांग्लादेश में रह रहे अपने नागरिकों के लिए एक विशेष सलाह जारी की है। इस सलाह में नागरिकों से कहा गया है कि वे बांग्लादेश में हालिया हिंसा की घटनाओं के कारण अत्यधिक सावधानी बरतें और अपनी आवाजाही सीमित रखें।
विदेश मंत्रालय ने एक परामर्श जारी करते हुए भारतीय नागरिकों से अपील की है कि वे बांग्लादेश की यात्रा से बचें। परामर्श में कहा गया है, "वर्तमान घटनाक्रम को देखते हुए भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा न करें। बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने, अपनी आवाजाही को सीमित रखने और ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग के संपर्क में रहने की हिदायत दी जाती है।"
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