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जर्मनी समेत यूरोप के कई देशों में किसान और पशुपालक सशंकित हो गए हैं। दरअसल, ब्लूटंग नामक बीमारी विस्फोटक तरीके से पैâल रही है। यह एक वायरल बीमारी है, जो भेड़ और गाय जैसे जुगाली करने वाले जानवरों को चपेट में लेती है। एक बार यह पैठ बना ले तो इस पर काबू पाना मुश्किल होता है।
मिली जानकारी के अनुसार, यह बीमारी ब्लूटंग नाम के एक वायरस से होती है। मिज नाम का एक छोटा कीड़ा इस वायरस का वाहक है। आमतौर पर यह कीड़ा पानी या दलदली इलाकों के पास पैदा होता है। ब्लूटंग वायरस भेड़, बकरी, हिरण और गाय-बैल जैसे जीवों को प्रभावित करता है। कुछ दुर्लभ मामलों में यह कुत्ते और अन्य मांसभक्षी जीवों को भी प्रभावित कर सकता है, अगर वे संक्रमित चीजें खाए। हालांकि, यह इंसानों पर असर नहीं डालता, न ही खाद्य सुरक्षा को प्रभावित करता है। इससे प्रभावित जीवों के मुंह या नाक में अल्सर हो सकता है। आंख, नाक या मुंह से डिस्चार्ज होना या लार निकलना भी एक लक्षण है। ब्रिटेन के पर्यावरण, खाद्य और ग्रामीण मामलों के विभाग द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक, प्रभावित जीवों में बुखार, सुस्ती, दुधारू जीवों में दूध की कमी, भूख न लगना, सांस लेने में परेशानी, त्वचा का लाल रंग, गर्भपात, मरा हुआ बच्चा पैदा होना और यहां तक कि प्रभावित जीव की मौत जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं। रॉयटर्स के मुताबिक यह वायरस भेड़, गाय और बकरियों के लिए खासतौर पर जानलेवा हो सकता है। इसके अलावा गायों के दूध उत्पादन में भी खासी गिरावट आ सकती है।
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