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इस कदम से किसानों को फायदा होने की संभावना है। हालांकि निर्यात खोलने से देश में प्याज का भाव चढ़ सकता है। कंस्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री के मुताबिक, शुक्रवार को प्याज का ऐवरेज प्राइस 50.83 रुपये प्रति किलो था। दिल्ली में ऐवरेज प्राइस 55 रुपये और महाराष्ट्र में 50.11 रुपये था। गुरुवार को जारी हुए रिटेल इंफ्लेशन के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में प्याज के दाम सालभर पहले के मुकाबले 54% ऊपर थे। कृषि मंत्रालय के मुताबिक, पिछले साल रबी सीजन में 237 लाख टन प्याज उत्पादन हुआ था। इस बार उत्पादन करीब 20% घटकर 212 लाख टन रह सकता है।
इससे पहले खरीफ सीजन में उत्पादन घटने के डर से पिछले साल 8 दिसंबर को प्याज निर्यात पर रोक लगाई थी। हालांकि लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र के प्रमुख प्याज उत्पादक इलाकों में वोटिंग से कुछ दिनों पहले 4 मई को प्याज निर्यात खोल दिया गया। उन इलाकों में किसान संगठन निर्यात पर रोक से नाराज थे। 4 मई को निर्यात खोलते हुए यह शर्त भी लगाई गई थी कि 550 डॉलर प्रति टन से कम पर निर्यात नहीं होगा। इस पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाकर 770 डॉलर प्रति टन से कम पर निर्यात की गुंजाइश नहीं थी।स तरह किसानों के लिए अच्छी कीमत की संभावना बनी थी, लेकिन तब इजिप्ट से लगभग इसी भाव के आसपास हो रहे प्याज निर्यात को देखते हुए विदेशी बाजारों में भारत से ज्यादा प्याज जाने का चांस कम था। इस तरह देश में उपलब्धता पर आंच न आने देने का इंतजाम भी था। मौजूदा वित्त वर्ष में 31 जुलाई तक 2.60 लाख टन प्याज निर्यात हुआ था। वित्त वर्ष 2023-24 में 17.17 लाख टन निर्यात हुआ था।
बेहतर मॉनसून को देखते हुए खरीफ सीजन में अच्छे प्याज उत्पादन की संभावना है। देश में प्याज की खपत करीब 17 लाख टन प्रति महीने की है। कंस्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री प्याज का 5 लाख टन का बफर स्टॉक बनाने के लिए किसानों से प्याज खरीद रही है, जिसे त्योहारी सीजन में डिमांड बढ़ने पर ओपन मार्केट में रिलीज किया जा सकता है। 2023-24 में केंद्र ने 6.4 लाख टन प्याज खरीदा था।
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