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मुंबई, विनाशकारी बारसू रिफाइनरी परियोजना का विरोध अब चरम पर पहुंच गया है। आंदोलनकारियों ने कल २८ अप्रैल को परियोजना स्थल पर मिट्टी परीक्षण के नाम पर शुरू होनेवाले भूमि सर्वेक्षण को न होने देने का निर्णय किया है। प्रदर्शनकारियों ने यलगार किया है कि लाठी चार्ज करो, गोलियां चलाओ लेकिन कोकण को राख कर देनेवाली परियोजना की अनुमति नहीं दी जाएगी। एक तरफ परियोजना का विरोध करने वाले मुख्य प्रदर्शनकारियों को तड़ीपार करने की नोटिस जारी की गई है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शनकारी सीधा सवाल पूछ रहे हैं कि चर्चा का ढोंग क्यों कर रहे हैं। इस बीच प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि कल के आंदोलन को सिंधुदुर्ग सहित पूरे रत्नागिरी का समर्थन मिला है और लगभग दस हजार प्रदर्शनकारी परियोजना पर पहुंच सर्वेक्षण को रोकेंगे।
विनाशकारी ‘रत्नागिरी रिफाइनरी व पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट’ को नाडार से खदेड़ने के बाद अब बारसू में इसे लागू करने के लिए सरकार की तरफ से पुलिस बल का प्रयोग कर दमनशाही जारी है। परियोजना के विरोध को तोड़ने के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कार्यकर्ताओं को तड़ीपार की नोटिस जारी कर आतंकित किया जा रहा है। हालांकि, सोमवार सुबह से शुरू परियोजना को लेकर प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन कल चौथे दिन भी जारी रहा। लगभग एक हजार प्रदर्शनकारी अभी भी परियोजना स्थल पर ‘तंबू’ में हैं। महिलाओं की संख्या भी अधिक है। प्रदूषणकारी रिफाइनरी परियोजना बारसू, सोलगांव में प्रस्तावित है, फिर भी इसका असर शिवणे, गोवल, देवाचे गोठणे, धोपेश्वर क्षेत्र सहित पूरे रत्नागिरी-कोकण पर होनेवाला है। इसके चलते ये आंदोलन शुरू है।
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