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मुंबई, महाराष्ट्र में १५ क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में से कम से कम वर्तमान में १० कार्यालय प्रभारी अधिकारियों के बिना संचालित हो रहे हैं, यह एक चिंताजनक स्थिति सामने आई है। राज्य परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस कमी के कारण जनता के कामों में देरी और असुविधा हुई है, इससे भ्रष्टाचार बढ़ने की भी संभावना है। इसके अतिरिक्त, आरटीओ के ३५ उप पदों में से ११ बिना प्रभारी अधिकारी के भी हैं।
इन प्रमुख पदों पर प्रभारी अधिकारियों की अनुपस्थिति ने काम का एक बैकलॉग बना दिया है, जिससे रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट जैसी विभिन्न वाहन संबंधी सेवाओं के लिए प्रतिदिन आरटीओ आनेवाले हजारों लोग समस्याओं को झेलते हैं।
रिक्त पदों की पूर्ति के लिए कनिष्ठ अधिकारियों को कई मामलों में इन रिक्त पदों का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। हालांकि, इस व्यवस्था ने इन अधिकारियों के काम के बोझ को प्रभावी ढंग से संभालने की क्षमता के बारे में चिंता जताई है। खासकर, जब अतिरिक्त जिम्मेदारियों के लिए कार्यालयों के स्थान और उनके मौजूदा कार्यालयों के बीच की दूरी १०० किमी से अधिक है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्थिति इस तथ्य से और भी गंभीर हो जाती है कि परिवहन आयुक्त कार्यालय में भी कर्मचारियों की कमी देखी जा रही है। साथ ही जूनियर अधिकारियों को प्रभार सौंपा जा रहा है।
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