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मुंबई, ५ जुलाई को मुंबई विश्वविद्यालय में महासभा और सीनेट सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान होगा। हालांकि, इस चुनाव के लिए मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा किए गए आयोजनों पर कई कॉलेजों के प्राध्यापकों और शिक्षकों ने आपत्ति जताई थी। इन शिकायतों के बाद कॉलेजों में प्राध्यापकों को मतदान के लिए दूर-दराज के मतदान केंद्र दिए गए थे। वोटिंग के लिए प्राध्यापकों को छुट्टी नहीं दी गई है। इसी में मतदान केंद्रों पर पहुंचने के लिए काफी समय लगने के चलते इस बात का डर था कि इस साल मतदान का प्रतिशत घट जाएगा। हालांकि, अब शिकायत के बाद विश्वविद्यालय ने मतदान केंद्रों की संशोधित सूची की घोषणा की है।
खोपोली के केएमसी कॉलेज के प्राध्यापकों को मतदान के लिए कल्याण के अग्रवाल कॉलेज को चयनित किया गया था। हालांकि, कर्जत के कोकण ज्ञानपीठ मतदान केंद्र पर प्राध्यापक अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग कर सकते थे। इसी तरह खेड़ स्थित घरडा कॉलेज के प्राध्यापकों को मतदान के लिए ६० किमी दूर दापोली के वराडकर कॉलेज में मतदान केंद्र दिया गया था। इसके विपरीत १४ किमी दूर चिपलून में डीबीजे कॉलेज प्रोफेसरों के लिए सुविधाजनक था। इस मामले में मुक्ता संगठन द्वारा किए गए पत्राचार के बाद विश्वविद्यालय के सीनेट चुनाव कार्यालय ने मतदान केंद्र में बदलाव कर दिया है और संशोधित मतदान केंद्र सूची की घोषणा की है।
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