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पालघर, आदिवासी बाहुल्य पालघर में खाद्य आपूर्ति विभाग की हालत खस्ता हाल है। `ईडी’ सरकार जिले के नागरिकों को राशन तक नहीं दे पा रही है। जिले का खाद्य आपूर्ति विभाग बगैर उच्च अधिकारियों और कर्मचारियों के चल रहा है। विभाग में सभी महत्वपूर्ण पद रिक्त पड़े हैं। नतीजतन विभाग के कामों पर असर पड़ने लगा है, लेकिन शासन और प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। जिले में आपूर्ति विभाग में पदाधिकारियों के पद काफी दिनों से रिक्त हैं। इस कारण जिले के अंदर गरीबों के लिए सरकारी स्तर पर पीडीएस दुकानों के माध्यम से संचालित सस्ते दर पर अनाज उपलब्ध कराने की योजना का सही तरीके से मॉनिटरिंग अनुश्रवण का कार्य नहीं हो रहा है। साथ ही पदाधिकारियों की कमी का असर विभाग की ओर से संचालित अन्य कार्यक्रमों के अलावा नए राशन कार्ड बनवाने के लिए लोगों को ६-६ महीने का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
बता दें कि विभाग की ओर से संचालित पीडीएस अंतर्गत गरीबों को राशन दुकान के तहत प्रतिमाह निर्धारित मात्रा में अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी विभाग के जिला स्तर के आपूर्ति पदाधिकारी के अलावा प्रखंड स्तर पर वहां पदस्थापित आपूर्ति पदाधिकारी निरीक्षक को सौंपी गई है। इसके अलावा एसएफसी के माध्यम से राशन दुकानों के लिए अनाज के उठाव को लेकर सभी प्रखंडों के गोदामों में अधिकारियों को पदस्थापित किया गया है। मगर आलम यह है कि वर्तमान में विभाग में सभी आठ तालुकाओं में सप्लाई अधिकारियों के पद खाली पड़े हैं। नायब तहसीलदार को इसका प्रभार देकर कार्य कराया जा रहा है।
विभाग के अधिकारियों के न होने के कारण संबंधित क्षेत्र के लोगों के कार्य ठप हैं। समय पर कार्य नहीं हो पा रहे हैं। जांच-पड़ताल, राशन के वितरण, तौल व अन्य कार्यों पर कार्यालय में उच्च अधिकारियों के नहीं होने से असर पड़ना स्वाभाविक है। विभाग के छोटे कर्मचारी रोजाना आते हैं, लेकिन अधिकारियों के न होने के कारण ये भी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं। एक तरफ तो सरकार लोगों को उचित सेवा की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ लोगों से जुड़े इस विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों के न होने के कारण लोगों को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। अधिकारियों और कर्मचारियों के कुछ ही महीनों में ट्रांसफर से भी समस्या और गंभीर हो गई है।
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