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मुंबई, राज्य की गद्दार शिंदे सरकार की ओर से विधायकों को निधि आबंटन में किए गए पक्षपात को लेकर सोमवार को विधान परिषद में विपक्ष का आक्रामक रूप दिखाई दिया। विपक्ष ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया। विधान परिषद के विपक्ष नेता अंबादास दानवे ने कहा कि निधि आबंटन में भेदभाव एक प्रकार से राज्य की जनता के साथ अन्याय है, ऐसे शब्दों में प्रतिपक्ष के नेता दानवे ने शिंदे सरकार से सवाल करते हुए निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के विधायकों को कुछ भी निधि नहीं दी है तो वहीं सत्तापक्ष के विधायकों को लगभग ५० करोड़ तक की निधि दी है, जबकि उपमुख्यमंत्री दावा कर रहे हैं कि निधि वितरण में पक्षपात नहीं किया गया है।
सदन में नियम २८९ के तहत बोलते हुए दानवे ने कहा कि निधि के रूप में जो रकम वितरित की जा रही है, वह राज्य की जनता की जेब से जमा हुई है। जिन विधानसभा क्षेत्र को निधि नहीं दी गई है, वहां की जनता टैक्स नहीं जमा करती है क्या? उन्हें विकास का अधिकार नहीं है क्या? ऐसा सवाल भी दानवे ने किया। निधि वितरण में पक्षपात हुआ है कि नहीं, सरकार इस मामले में स्पष्टीकरण दे।
जिन्होंने वोट नहीं दिया है, उन्हें निधि नहीं देने की मंशा सरकार की नहीं है क्या? क्या वे लोग पाकिस्तान से आएं हैं? निधि आबंटन में पक्षपात क्यों हो रहा है, जबकि सरकार के मंत्री ने आश्वस्त किया था कि निधि वितरण में कोई भेदभाव नहीं होगा। उसके बावजूद राज्य में निधि वितरण में पक्षपात का काम शुरू है।
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