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मुंबई : भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो (एसीबी) ने मुलुंड पुलिस थाने में कार्यरत पुलिस इंस्पेक्टर और एक कॉन्स्टेबल को हफ्ता लेते हुए गिरफ्तार किया था। जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस इंस्पेक्टर और हवलदार को निलंबन का आदेश अतिरिक्त आयुक्त पूर्व प्रादेशिक विभाग की तरफ से जारी किया गया है। आरोप है कि इंस्पेक्टर ने दो लाख रुपये लेने के बाद सबूत नष्ट करने की कोशिश की। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
एसीबी मुंबई की कार्रवाई के तुरंत बाद से ही मामले में आरोपियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। दरअसल एक अस्पताल से जुड़े हुए मामले की जांच मुलुंड पुलिस कर रही थी। जिसमें आरोपी की गिरफ्तारी पूर्व जमानत कोर्ट ने खारिज कर दी थी। जिसके बाद उसे गिरफ्तार करने का डर और जांच में मदद करने के नाम पर मुलुंड पुलिस थाने में कार्यरत पुलिस इंस्पेक्टर भूषण मुकुंदलाल दायमा (40) और रमेश मछिंद्र बतकलस (46) ने 25 लाख रुपयों की मांग की थी। बातचीत के बाद दो लाख रुपये का पहला हफ्ता आरोपी ले रहे थे तभी रंगेहाथ पैसे लेते उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
एसीबी से मिली जानकारी के मुताबिक जब इंस्पेक्टर और हवलदार को पकड़ा गया था, तब इंस्पेक्टर ने गिरफ्तारी से बचाने के लिए 25 लाख की मांग की थी। लेकिन बातचीत के बाद 11 लाख रुपये में बात बानी और पहला हफ्ता दो लाख रुपये का लेते हुए इंस्पेक्टर और हवलदार को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोप है कि इंस्पेक्टर ने सबूत मिटाने की भी कोशिश की थी।
जानकारी के मुताबिक मामले में शिकायतकर्ता ने एंटी करप्शन ब्यूरो में 7 जुलाई को शिकायत दी थी। जिसकी जांच 11 और 13 जुलाई को की गई। इसकव बाद 15 जुलाईं को जाल बिछाकर छापेमारी की गई। जिसमें दोनों को पलड़ा लिया गया। बेल रिजेक्ट हो के के बाद मामले में मदद के लिए मांगे थे पैसे। पुलिस जांच में जुटी हुई है।
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