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मुंबई, गढ़चिरौली जिला सिविल अस्पताल में सामग्रियों की खरीददारी में करीब ५०० करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया गया है। अस्पताल के लिए आवश्यक सामग्री और उपकरण तीन गुना अधिक कीमत पर खरीदे गए। इस हेराफेरी का पैसा तत्कालीन पालकमंत्री रहे शिंदे को भी दिया जा रहा था। उक्त घोटाले की जांच कराने की मांग स्थानीय लोगों ने की है।
जिला शल्यचिकित्सक डॉ. अनिल रुडे और दवा निर्माता देशमुख मिलकर यह घोटाला कर रहे हैं। इन दोनों पर मुख्यमंत्री शिंदे के ओएसडी राहुल गेडे का आशीर्वाद है। शिंदे के पालक मंत्री रहते हुए भी इस अस्पताल के लिए सामग्री खरीद में अनियमितता हुई है। डॉ. रुडे और देशमुख जिला अस्पताल के लिए हर साल १०० से २०० करोड़ रुपए की निधि मंजूर कराते हैं। इस तरह इन दोनों ने साल २०१२ से २०२२ के दौरान ५०० से १००० करोड़ रुपए तक खर्च किए हैं। यह खर्च जिला योजना निधि और अन्य आदिवासी अनुदान से आया है। इस अनियमितता से इन दोनों ने ५० से १०० करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति जुटाई है। फिलहाल, इस घोटाले की जांच ईडी और सीबीआई से कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है।
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