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मुंबई, भाजपा प्रमुख आशीष शेलार और मनसे चीफ राज ठाकरे की मुलाकात को महाराष्ट्र की सियासत में बड़े बदलाव का संकेत माना जा रहा है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही हैं। भाजपा के मुताबिक पूरी तस्वीर सही समय आने पर साफ होगी। शेलार ने कहा कि पुराने दोस्तों के मिलने का सिलसिला चलता रहता है। सोमवार को हुई दोनों नेताओं की बैठक के बाद संभावित चुनावी गठबंधन की अटकलों को बल मिला। शेलार ने दादर में अपने आवास पर ठाकरे से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, 'राज ठाकरे और मैं लंबे समय से दोस्त हैं। हम कुछ अन्य विषयों पर भी मिलते हैं और चर्चा करते हैं।'
सियासी गलियारों में हो रही कयासबाजी के मुताबिक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के जनाधार में सेंध लगाने और मराठी वोट बैंक को बांटने का प्रयास कर रही भाजपा मनसे से हाथ मिला सकती है। बता दें कि शेलार और राज ठाकरे की मुलाकात से पहले मनसे नेताओं का प्रतिनिधिमंडल डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से मिलने पहुंचा था। मुलाकात के बाद फडणवीस ने कहा था कि दोनों पार्टियां (भाजपा और मनसे) मित्रवत हैं लेकिन गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई है। लोकसभा चुनाव से काफी पहले (राजनीतिक) तस्वीर साफ हो जाएगी।
गौरतलब है कि राज ठाकरे ने 2006 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया था। शिव सेना (अविभाजित) से अलग होने के बाद एमएनएस की स्थापना की थी। राज के इस फैसले को बाल ठाकरे के खिलाफ बगावत और बेटे उद्धव ठाकरे को बढ़ावा देने के प्रयासों का मुखर विरोध माना गया।
बता दें कि 2009 में हुए विधानसभा चुनावों में एमएनएस ने 288 सीटों में से 13 सीटें जीतीं। अधिकांश सीटें मुंबई की थीं। एमएनएस की जीत के पीछे मराठी वोटों का विभाजन मुख्य कारण माना गया। वोटों के बंटने के कारण मुंबई में लोकसभा चुनाव में शिवसेना का खेल भी बिगड़ गया था। हालांकि, मनसे पिछले कुछ वर्षों में राजनीतिक हाशिए पर सिमट रही है।
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