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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी नेता हर्षवर्धन पाटिल ने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने उनके गृह क्षेत्र पुणे जिले की इंदापुर तहसील में सहयोगी दलों के कुछ पदाधिकारियों पर उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने और उन्हें अपनी पूर्व विधानसभा में स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति नहीं देने की धमकी देने का आरोप लगाया है.
हर्षवर्धन पाटिल इंदापुर के पूर्व विधायक हैं, जो 2019 के राज्य चुनावों में अविभाजित राकांपा के उम्मीदवार दत्ता भरणे से हार गए थे. शरद पवार की ओर से स्थापित संगठन में विभाजन के बाद, भरणे अब उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के साथ हैं, जो राज्य में शिवसेना के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में बीजेपी की सहयोगी है. हर्षवर्धन पाटिल ने डिप्टी सीएम को लिखे पत्र में आगे कहा कि आपके मार्गदर्शन में महागठबंधन सरकार ठीक से काम कर रही है.
'मामला बहुत गंभीर'
हर्षवर्धन पाटिल ने डिप्टी सीएम गृह मंत्री देवेन्द्र फडणवीस को लिखे पत्र को अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर भी पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें कथित तौर पर धमकियां दी गई हैं. वे जब अपने राजनीतिक और सामाजिक जीवन में काम कर रहे हैं तो इंदापुर में सहयोगी दलों के कुछ पदाधिकारी राजनीतिक सार्वजनिक सभाओं और बैठकों में उनके खिलाफ आधारहीन बयानबाजी कर रहे है. इसके साथ ही उन्हें क्षेत्र में न जाने की धमकी दी जा रही है. अब उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता हो रही है. मामला बहुत गंभीर हो गया है इसपर ध्यान देना चाहिए.
डिप्टी सीएम से मामले में उचित कार्रवाई की मांग
गुंडा प्रवृति के लोगों को समय रहते रोका जाना चाहिए. इसके साथ ही डिप्टी सीएम से मामले में कड़ा रुख अपनाने और उचित कार्रवाई का आदेश देकर सहयोग करने की अपील की है. हालांकि, हर्षवर्धन पाटिल के पत्र में बीजेपी के किसी भी गठबंधन सहयोगी या उनके पदाधिकारियों के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है.
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