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जामुन में इसमें फाइबर होता है जो पेट को लंबे समय तक भरा रखने में मदद करता है. जामुन का फल खाने के बाद हम को आमतौर फेंक देते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि जामुन की गुठलियों (Jamun
Seeds) का भी बहुत उपयोग होता है. जामुन के बीज में विटामिन-सी,
एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम और फ्लेवोनोइड जैसे कई गुण होते हैं, जो कि डायबिटीज, शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करके पाचन को दुरुस्त करने और वजन कंट्रोल करने समेत कई चीजों में आपकी मदद कर सकते हैं.
टायबिटीज का रामबाण इलाज
जामुन हमारे शरीर में डायबिटीज के स्तर को बैलेंस करने की क्षमता के लिए जाना जाता है. जामुन के बीजों में जाम्बोलिन और जाम्बोसिन नामक यौगिक होते हैं, जो रक्त में शर्करा की दर को कम करते हैं. जामुन के बीज इंसुलिन के उत्पादन को भी बढ़ाते हैं. विशेषज्ञों ने कई अलग-अलग अध्ययनों में इस बात को पाया कि जामुन की गुठली के चूर्ण का सेवन करने से फास्टिंग शुगर में कमी आती है.
पाचन शक्ति बढ़ाता है
कई लोगों को पाचन की बड़ी दिक्कत होती है. जिन्हें ऐसी समस्या होती है, उन्हें कई चीजों को ना खाकर अपना मन तक मारना पड़ता है. लेकिन ये बात बेहद कम लोग जानते हैं कि जामुन के बीज पाचन के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं. इसलिए अगर आपको पाचन से जुड़ी समस्या है, तो आपको जामुन के बीज खाने से काफी आराम मिल सकता है.
बीपी कंट्रोल करता है
जामुन की गुठली में एलेजिक एसिड की मात्रा पाई जाती है. तमाम शोध बताते हैं कि एलेजिक एसिड बढ़े हुए बीपी को कम करने में काफी मददगार होता है. ऐसे में हाई बीपी के मरीजों के लिए इसका इस्तेमाल ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए किया जा सकता है. तमाम विशेषज्ञों का मानना है कि एलेजिक एसिड के प्रयोग से ब्लड प्रेशर लगभग 36 फीसदी तक कम हो सकता है.
कील-मुहासों से छुटकारा
मुंहासे होने पर जामुन की गुठलियों को सुखाकर पीस लीजिए. इस पाउडर में गाय का दूध मिलाकर रात को सोते समय चेहरे पर लगाइए और सुबह मुंह ठंडे पानी से धो लीजिए. इससे काफी लाभ मिलता है.
पथरी का इलाज
दि पथरी की समस्या है तो जामुन की गुठली के चूर्ण को दही के साथ मिलाकर खाने से पथरी में फायदा होता है. पथरी की रोकथाम में भी जामुन खाना फायदेमंद होता है. इसके बीज को बारीक पीसकर पानी या दही के साथ लेना चाहिए.
दांतों के लिए लाभकारी
दांतों और मसूड़ों के बेहतर सेहत के लिए भी जामुन की गुठलियां काफी फायदेमंद होती हैं. जामुन की गुठलियों में कैल्शियम होता है. इसके सेवन से दांत और मसूड़े मजबूत बने रहते हैं.
छोटे बच्चों को फायदा
अगर बच्चा बिस्तर गीला करता है तो जामुन की गुठली को पीसकर आधा-आधा चम्मच दिन में दो बार पानी के साथ देने से काफी लाभ मिलता है. इसके अलावा यदि बच्चे को बोलने में दिक्कत हो रही हो तो जामुन की गुठली के काढे़ से कुल्ला कीजिए. इससे आवाज स्पष्ट होती है.
ऐसे बनाएं पाउडर
जामुन को धूप में सुखाकर पाउडर बनाने के लिए जामुन खाने के बाद गुठली को अच्छी तरह धो लें. फिर धूप में अच्छी तरह से सुखाकर इसका छिलका उतार लें. सूखने के बाद इसे अच्छी तरह से पीस लें. रोजाना एक चम्मच सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें. एक बार इसे लेने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श जरूर कर लें.
सावधानी
ध्यान रहे कि अधिक मात्रा में जामुन खाने से शरीर में जकड़न और बुखार होने की संभावना भी रहती है. इसे कभी खाली पेट नहीं खाना चाहिए और ना ही इसे खाने के बाद दूध पीना चाहिए
जामुन का उपयोग ऐतिहासिक रूप से आयुर्वेदिक उपचार के रूप में किया जाता रहा है, इसके कई स्वास्थ्य लाभों के कारण, जिनका वर्णन नीचे किया गया है -
जामुन में विटामिन सी और आयरन भरपूर मात्रा में होता है , जो आपके हीमोग्लोबिन की मात्रा को बेहतर बनाने में मदद करता है । जामुन में मौजूद आयरन रक्त शोधक के रूप में कार्य करता है । हीमोग्लोबिन की बढ़ी हुई मात्रा आपके रक्त को आपके अंगों तक ऑक्सीजन का बढ़ा हुआ स्तर ले जाने और आपको स्वस्थ रखने के लिए प्रोत्साहित करती है।
जामुन में कसैले गुण भी होते हैं , जो त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे होते हैं। यह आपको पिंपल्स, झुर्रियों, मुंहासों और दाग-धब्बों से बचाएगा। इसके अलावा, जामुन में मौजूद विटामिन सी में सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं जो आपकी त्वचा को मुलायम बनाने और उसकी बनावट को बेहतर बनाने में मदद करते हैं ।
जामुन में कैलोरी बहुत कम होती है , इसलिए मधुमेह रोगियों के लिए इसका सेवन सुरक्षित है। इसके अलावा, अध्ययन से पता चलता है कि जामुन में पॉलीफेनोलिक तत्व होते हैं , जो मधुमेह के इलाज में मदद करते हैं ।
जामुन में एंटीऑक्सीडेंट और पोटैशियम जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये पोषक तत्व आपके दिल को स्वस्थ रखने और हृदय रोग को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।
जामुन में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है और कैलोरी भी कम होती है , जिससे यह वजन घटाने के लिए आदर्श फल बन जाता है । इसके अलावा, फाइबर से भरपूर फल पाचन को बेहतर बनाते हैं और शरीर में पानी की कमी को कम करते हैं ।
जामुन में मूत्रवर्धक गुण होते हैं जो पाचन संबंधी समस्याओं को कम कर सकते हैं । ऐसा इसलिए है क्योंकि यह आपके गुर्दे से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और मतली और उल्टी की समस्याओं को रोकता है । फाइबर पाचन में सुधार करता है , जो कब्ज को दूर करने में मदद करता है।
जामुन एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है, जो आपकी प्रतिरक्षा को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह बदले में, आपको स्वस्थ रहने और बीमार होने से बचने में मदद करता है।
जामुन में जीवाणुरोधी गुण पाए जाते हैं , जो आपके मौखिक स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकते हैं । यह आपके दांतों को मौखिक संक्रमण और खराब बैक्टीरिया से बचाता है। यह आपके मसूड़ों और दांतों को मजबूत बनाने में भी आपकी मदद कर सकता है। आप गले की समस्याओं के लिए भी जामुन के पत्तों का उपयोग कर सकते हैं।
आप पेड़ की छाल से काढ़ा बना सकते हैं जिसका उपयोग आप अल्सर के इलाज के लिए अपने मुंह को कुल्ला करने के लिए कर सकते हैं।
यह छोटा सा फल आपकी आँखों के लिए अच्छा होता है क्योंकि इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है। यह आपके शरीर को संयोजी ऊतकों को बनाने और उनकी मरम्मत करने में मदद करता है । इसमें आँखों के कॉर्निया में मौजूद कोलेजन भी शामिल है।
जामुन में जीवाणुरोधी और संक्रमणरोधी गुण होते हैं, इसलिए यह आपको संक्रमण से बचने में मदद कर सकता है। यह फल मैलिक एसिड, गैलिक एसिड, टैनिन, ऑक्सालिक एसिड और बेटुलिनिक एसिड जैसे यौगिकों से भरपूर होता है, जो शरीर में संक्रमण से लड़ते हैं।
मधुमेह रोगियों को फलों का सेवन सीमित करना चाहिए क्योंकि उनमें शर्करा होती है। हालाँकि, आप मधुमेह के लिए जामुन का फल आसानी से खा सकते हैं। इस फल का मुख्य एंटी-डायबिटिक तत्व इसके बीजों में मौजूद जाम्बोलाना है।
आप अपने रक्त शर्करा और ग्लाइकोसुरिया (मूत्र में शर्करा) में लंबे समय तक कमी लाने के लिए छाल, बीज और पत्तियों के अर्क का भी उपयोग कर सकते हैं।
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