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गुण्टुर - आंध्रप्रदेश के गुण्टुर नगर में गौतम लब्धि निवास के प्रांगण में आहोर निवासी श्रीमती सुखीदेवी घेवरचन्दजी सालेचा परिवार द्वारा स्वद्रव्य से निर्मित श्री नेमिनाथ जिन प्रसाद की प्रतिष्ठा सौधर्म बृहत्तपागच्छीय गच्छाधिपति आचार्य श्री जयानन्दसूरिजी के शिष्यरत्न मुनिराज श्री विवेक विजयजी आदि ठाणा की पावन निश्रा में नवान्हिका महोत्सव के साथ आषाढ सुद २ रविवार 7
जुलाई को उल्लासमय वातावरण में सम्पन्न हुई। आंध्रप्रदेश में सर्वप्रथम मूलनायक के रूप मे भगवान नेमिनाथ के पदार्पण से पूरा माहौल नेमिमय बन गया था। नेमपथ, नेम तू प्राणधार, अठारह अभिषेक, प्रतिदिन दोनों समय होने वाले प्रवचनों के माध्यम से पूरे नगर के आबाल-वृद्धजन नेमिनाथ के भावों में रंग गये थे। प्रतिष्ठा में पूरे गुन्टुर संघ का उत्साह एवं सहकार का ऐसा वातावरण बना था, जैसे यह व्यक्तिगत नहीं किन्तु संघ के जिनालय की प्रतिष्ठा थी।
प्रतिमा की अंजनशलाका युग प्रधान आचार्य सम पूज्य पंन्यास श्री चंद्रशेखरविजयजी के शिष्य रत्न गिरनार तीर्थोपदेशक आचार्य श्री धर्मरक्षितसूरिजी के शिष्य आजीवन आयम्बिल के भीष्म अभिग्रहधारी आचार्य श्री हेमवल्लभसूरिजी के शुभ हस्ते गिरनार की गोद में हुई थी।
प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान वद १४ को संघ में ५१६ आयाम्बिल हुए। तीन दिन तीनों समय पूरे संघ के स्वामीवात्सल्य में जयणापूर्वक व सभी को बैठाकर भोजन करवाया गया। बिना किसी
Event मैनेजमेन्ट के संघ के कार्यकर्ता एवं परिवार के कल्याणमित्रों ने कार्यक्रम का सुव्यवस्थित संचालन किया ।
रिपोर्टर