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मुंबई, एंटीलिया विस्फोटक कांड और मनसुख मर्डर केस की जांच कर रही एनआईए को इसका नेपाल कनेक्शन मिला है। इस मामले के तीन आरोपियों के नेपाल में छिपे होने की खबर मिली है। इन आरोपियों से पूछताछ के लिए एनआईए ने कोर्ट से अनुमति मांगी थी। इसे अब एनआईए कोर्ट से अनुमति मिल गई है, जिसमें तीन आरोपियों के खिलाफ जांच के लिए नेपाली अधिकारियों को अनुरोध पत्र भेजा गया है।
बता दें कि २५ फरवरी, २०२१ को एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से भरी एक स्कॉर्पियो गाड़ी खड़ी मिली थी। पुलिस के अनुसार यह कार २४ फरवरी, २०२१ की रात १ बजे के करीब एंटीलिया के बाहर खड़ी की गई थी। इसमें २० जिलेटिन की छड़ें बरामद की गई थीं। इन्हीं सबको देखते हुए गृह मंत्रालय ने पूरे मामले की जांच एनआईए को सौंप दी थी। जानकारी के मुताबिक कुछ दिनों पहले ही स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत हो गई थी और लाश एक नाले से बरामद की गई थी। इतना ही नहीं, शव की जांच के दौरान उनके मुंह से पांच रुमाल निकले थे। पहले मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही थी। बाद में एनआईए भी जांच शुरू कर दी। जांच में इस मामले से जुड़े तीन आरोपियों के नेपाल में होने का खुलासा हुआ है। इसके लिए जांच में सहायता प्राप्त करने के लिए किसी अन्य देश के अधिकारियों को न्यायालय द्वारा अनुरोध पत्र भेजा जाता है। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि तीनों आरोपियों ने नेपाल में शरण ली थी, जब वे ९ मार्च से २० मार्च, २०२१ के बीच भाग रहे थे। मंगलवार को एनआईए ने विशेष एनआईए कोर्ट में एक अनुरोध पत्र मांगा था, जिसमें कहा गया था कि उसे ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या के बाद काठमांडू में तीन आरोपियों के रहने के संबंध में विवरण और सबूत चाहिए, जो इस मामले से जुड़ा है।
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