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मुंबई, देश में पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है कि अब ‘पेगासस २.०’ की तैयारियां शुरू हो गई हैं। खबर है कि केंद्र सरकार को ‘पेगासस’ जैसे एक नए स्पाईवेयर की तलाश है। दूसरी तरफ पेगासस को अमेरिकी सरकार द्वारा ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है और हिंदुस्थान में भी इस स्पाईवेयर पर बहुत बवाल मच चुका है। इसलिए सरकार पेगासस जैसी दूसरी सॉफ्टवेयर कंपनियों के साथ सौदे की बात कर रही है। इसके तहत कई सर्विलांस कंपनियां भारत सरकार के सामने बोली लगाने की तैयारी कर रही हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हिंदुस्थान की रक्षा और खुफिया अधिकारी पेगासस निर्माता एनएसओ के पयार्य की तलाश कर रहे हैं। माना जा रहा है कि नए स्पाइवेयर कॉन्ट्रैक्ट के लिए सरकार १२० मिलियन डॉलर (९८६ करोड़ रुपए) तक खर्च करने को तैयार है। इसके लिए करीब १२ कंपनियां बोली लगा सकती हैं। इस मामले से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि हिंदुस्थानी अधिकारी ग्रीक की इंटेलेक्स नाम की कंपनी का स्पाईवेयर खरीदने की सोच रहे हैं। इस कंपनी ने पूर्व इजरायली सैन्य अधिकारियों की मदद से ‘प्रिडेटर’ नाम का स्पाईवेयर तैयार किया है। ग्रीस के जासूस प्रमुख और प्रधानमंत्री से जुड़े एक जासूसी कांड में इस स्पाइवेयर का नाम पहले से ही लिया जा रहा है। सिटिजन लैब और फेसबुक के मुताबिक प्रीडेटर कई देशों में काम कर रहा है, जहां मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। इन देशों में मिस्र, सऊदी अरब, मेडागास्कर और ओमान शामिल हैं।
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